Earthquake: दिल्ली-एनसीआर, यूपी और बिहार समेत कई राज्यों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 7.1 रही तीव्रता

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Earthquake: दिल्ली-एनसीआर, यूपी और बिहार समेत कई राज्यों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, 7.1 रही तीव्रता

मुख्यधारा डेस्क

देश के कई राज्यों में मंगलवार सुबह धरती हिल गई। राजधानी दिल्ली-एनसीआर बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में आज सुबह करीब 6:35 पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप की दहशत की वजह से कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक जान माल की कोई सूचना नहीं है। बिहार में जहां इसकी तीव्रता 6.38 रही तो वहीं लखनऊ में रेक्टर स्केल पर यह 7.1 मापा गया। इन दो जगहों पर झटके इतने तेज थे कि लोग कुछ देर तक डर के साए में ही रहे। राजधानी पटना में सुबह करीब 6:32 बजे से झटके लगने शुरू हुए। पहले हल्के झटके लगे। इसके बाद तेजी से धरती हिली।

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सुबह में नींद में सोए लोग भूकंप के झटकों की वजह से जग गए। सोसायटी में हड़कंप मच गया। लोग घरों से बाहर निकल कर खुले में पहुंच गए। मोतिहारी, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, सिवान, अररिया, सुपौल और मुजफ्फरपुर में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। माल्दा सहित उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों और सिक्किम में भी धरती हिलती रही। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 थी। इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।

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भूकंप का असर नेपाल, भूटान सहित भारत के सिक्किम में भी दिखा। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है। नेपाल सरकार ने भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा कि आज सुबह नेपाल में जो भूकंप महसूस किया गया, उसका केंद्र नेपाल-चीन सीमा तिब्बत के डिंगे कांती में था।

नेपाल सरकार के भूवैज्ञानिक विभाग के मुताबिक, उस इलाके में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7 मापी गई। सुबह 6:35 बजे आए भूकंप से नेपाल के ज्यादातर हिस्से हिल गए। इससे तिब्बत क्षेत्र के साथ-साथ नेपाल के पूर्व से मध्य क्षेत्र को भी बड़ा झटका लगा है। भूकंप का झटका काठमांडू तक महसूस किया गया। सुबह-सुबह आए तेज भूकंप के बाद काठमांडू के लोग शोर मचाते हुए अपने घरों से बाहर निकल आए। लंबे समय बाद काठमांडू में भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया। भूकंप से कहां और कितना नुकसान हुआ, इसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

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बता दें कि धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं। रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं। अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।

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