महाराष्ट्र में सियासी भूचाल: अजीत पवार (Ajit Pawar) का विश्वासघात भुलाकर शरद पवार ने भरी हुंकार, अब चाचा-भतीजे में पार्टी और सिंबल को लेकर घमासान शुरू
शंभू नाथ गौतम
एक साल बाद फिर महाराष्ट्र की राजनीति में सब कुछ वैसा ही चल रहा है जैसा जून 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद हुआ था। एकनाथ शिंदे ने भी करीब 1 साल पहले शिवसेना से बगावती राजनीति की शुरुआत की थी।
एकनाथ शिंदे की राह पर अब एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार भी चल निकले हैं। हालांकि अजीत पवार अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं। अजीत पवार ने बगावत करके अपने चाचा और कद्दावर नेताओं में शुमार शरद पवार को सीधे ही चुनौती दी है। महाराष्ट्र की सियासत में चाचा भतीजे की सीधी लड़ाई शुरू हो चुकी है।
सबसे बड़ी बात एनसीपी और पार्टी और चुनाव चिन्ह (सिंबल) को लेकर है। पार्टी और सिंबल किसके पास रहेगा, अजीत पवार और चाचा शरद पवार में सियासी जंग शुरू हो चुकी है। चाचा-भतीजे की लड़ाई में दिल्ली की भी सीधे नजर है। अजीत पवार की बगावत के 24 घंटे बाद यानी आज सोमवार को मुंबई के साथ पूरे महाराष्ट्र में जबरदस्त सियासी हलचल है।
चाचा पवार और भतीजे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार आगे की सियासी भविष्य तय करने में लगे हुए हैं। जहां अजीत पवार मुंबई में छगन भुजबल के साथ देवेंद्र फडणवीस के घर पहुंचे। यहां पर तीनों नेताओं ने आने वाले दिनों को लेकर मंथन किया। वहीं दूसरी ओर 82 साल की आयु में राजनीति के वरिष्ठ और कद्दावर नेता शरद पवार ने रविवार का सियासी घटनाक्रम और भतीजे के विश्वासघात को भुलाकर एक बार फिर से हुंकार भरी है।
सतारा पहुंचने के बाद शरद पवार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि आज महाराष्ट्र और देश में कुछ समूहों द्वारा जाति और धर्म के नाम पर समाज के बीच दरार पैदा की जा रही है। पवार ने आगे कहा कि हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सेवा कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने हमारी सरकार गिरा दी।
देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने 5 जुलाई को सभी नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। शरद पवार ने कहा, मुझे देश के हर कोने से समर्थन मिल रहा है।
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मल्लिकार्जुन खड़गे और ममता बनर्जी ने मुझे कॉल किया। इसलिए मैं आज के घटनाक्रम से परेशान नहीं हूं। पवार ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में वे कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठकर हालात की समीक्षा करेंगे।
पवार ने कहा कि हमारी असली ताकत आज जनता है, उन्होंने हमें चुना है। इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे। इसे शरद पवार का शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। पार्टी में बगावत के बाद एनसीपी ने अजीत पवार के साथ गए सभी विधायकों को 5 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है। वहीं अजीत पवार ने भी 5 जुलाई को अपने साथ मौजूद विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में अजीत पवार गुट आगे की रणनीति तय करने में जुटा हुआ है।
शरद पवार के साथ बेटी सुप्रिया सुले ने संभाली पार्टी की कमान, आगे की रणनीति तय करने में जुटी
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है।
जयंत पाटिल ने कहा कि अजित ने किसी को यह नहीं बताया कि वह वह पार्टी छोड़ रहे हैं। हमने भारत चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है। पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका स्पीकर राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि हमने बीती रात विधानसभा अध्यक्ष को याचिका भेजी थी और उनसे सुनवाई की अपील की थी। विधानसभा में हमारी पार्टी के 53 विधायक हैं, जिनमें से 9 छोड़कर गए हैं लेकिन बाकी हमारे साथ हैं। पार्टी छोड़कर गए नेताओं को मौका दिया जाएगा कि वह वापस लौट आएं लेकिन जो लोग वापस नहीं आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने अजित पवार के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने पर कहा कि एनसीपी के अंदर कभी भी नफरत या कोई गलतफहमी नहीं थी। अजित पवार के विचार अलग थे और हमारे अलग हैं। वहीं महाराष्ट्र भाजपा के नेता नारायण राणे ने एक बयान में कहा है कि हमारी सरकार मजबूत है और 2024 तक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही रहेंगे। राणे ने कहा कि जैसे -जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे ही महाविकास अघाड़ी के नेता भी हमारे साथ आएंगे। पहले भी पवार साहब ने कहा था कि उनकी पार्टी मजबूत है लेकिन अब उनके 40 लोग उनका साथ छोड़ गए हैं। आज के समय में पार्टी को फिर से खड़ा करना आसान नहीं है।
केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है। उद्धव ठाकरे तनाव में हैं, उनके पास कुछ नहीं बचा है। महाराष्ट्र की राजनीति पर पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा, ‘शरद पवार अपनी बेटी को राजनीति में लाना चाहते थे। इस कारण पार्टी के पुराने दिग्गज नेता और अजित पवार नाराज थे और वो एनडीए में शामिल हो गए।
इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी अपने भतीजे को राजनीति में लाना चाहती हैं। टीएमसी के सभी दिग्गज नेता जिन्होंने अपने हाथों से पार्टी को खड़ा किया वो नाराज हैं। इस पंचायत चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी हारेगी और ठीक उसी प्रकार की (महाराष्ट्र की राजनीति) चीजें पश्चिम बंगाल में होंगी।
अजित पवार के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि एनसीपी का एक बड़ा तबका एनडीए में शामिल हुआ है। एनसीपी के 53 विधायक थे, अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजीत पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से वे बच सकते हैं और अगर अजीत पवार के पास 35 से कम विधायक रह जाएंगे तो उनका निलंबन होना तय है। जो शिवसेना के समय हुआ था, वही होगा लेकिन यह आंकड़ा कल तक सामने आएगा।
उन्होंने कहा कि शरद पवार ने बताया कि उन्हें कई विधायकों ने फोन पर बताया है कि उनसे झांसा देकर दस्तखत करवाए गए हैं। बता दें कि रविवार को महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ। राजनीति के धुरंधर अजित पवार अपने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ महाराष्ट्र की बीजेपी-शिंदे गठबंधन वाली सरकार में शामिल हो गए।
अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ आठ और विधायकों ने भी मंत्री पद शपथ ली।