जगदीश ग्रामीण/डोईवाला, मुख्यधारा
आज आपकॅ रूबरू करवाते हैं “देहरादून” जनपद के विकासखंड “डोईवाला” की क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी ग्राम पंचायत “गडूल” के इठारना गांव निवासी भगवान सिंह तोपवाल से, जो अपने क्षेत्र में ‘गडूल के गांधी नाम से विख्यात हैं।
“इठारना गांव” “नीलकंठ महादेव ” के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां यूं तो पूरे वर्ष भर शिवभक्त और पर्यटक आते रहते हैं, लेकिन सावन के महीने में हर सोमवार को यहां हजारों की तादाद में भक्त जन आते हैं। इस शिव मंदिर को यह भव्य रूप जिन्होंने दिया है, वह हैं इसी गांव के एक कर्मयोगी “भगवान सिंह तोपवाल।”
भगवान सिंह ग्राम पंचायत “गडूल” के पूर्व प्रधान हैं। भगवान सिंह धार्मिक प्रवृत्ति के सज्जन व्यक्ति हैं। बचपन में ही उनके सिर से माता – पिता का साया उठ गया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक अभिभावक के रूप में अपने भाइयों की शिक्षा – दीक्षा की व्यवस्था की। वे कर्मठ हैं, मेहनती किसान हैं, सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेते हैं। उनका जीवन समाज के लिए सदा समर्पित रहा है।
आज 94 वर्ष की अवस्था में भी भगवान सिंह जी सक्रिय हैं। वह एक आदर्श प्रकृति प्रेमी भी हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने के लिए खनन व्यवसाई लोगों के साथ बहुत संघर्ष भी किया है। वे एक ऐसे दान दाता हैं जिन्होंने विद्यालय के लिए, चिकित्सालय के लिए अपनी भूमि दान की है। भगवान सिंह ग्राम पंचायत गटूल के ग्राम प्रधान भी रहे हैं और उन्होंने समाज के विकास के लिए निरंतर प्रयास किया है।
भगवान सिंह “गडूल” के ही समान “माल कोट” में भी लोकप्रिय हैं। इतना ही नहीं गटूल और मालकोट से बाहर दूरदराज के क्षेत्रों तक उनकी योग्यता, उनकी कार्यकुशलता, उनके सामाजिक व्यवहार, उनके राजनीतिक चिंतन की चर्चा होती रहती है। भगवान सिंह गांधीवादी विचारक हैं। उनकी जीवनशैली रहन-सहन, खान-पान, पहनावा, सब गांधी दर्शन पर आधारित है। धोती – कुर्ता अथवा कुर्ता – पजामा पहने हुए और सिर पर गांधी टोपी लगाए हुए आज भी उनके चेहरे पर वही जवानी वाली ऊर्जा, वही प्रसन्नता का भाव, वही समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जोश दिखाई देता है।
ऐसे कर्म योगी ऋषि को मुख्यधारा टीम बारंबार नमन, वंदन, और अभिनंदन करती है।। ईश्वर से प्रार्थना है कि यह दंपत्ति 100 साल जिए, नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहे मार्गदर्शन करता रहे।