मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। लॉकडाउन में इंदौर में अभी भी करीब 70 उत्तराखंडी युवा फंसे हुए हैं। वे लोग विभिन्न मैसेज व फोन से वहां फंसे होने की सूचना दे रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा उनकी सुध नहीं ली जा रही है। ऐसे में उन उत्तराखंडी युवाओं का दर्द समझते हुए भाकपा(माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर उन्हें उत्तराखंड लाने की मांग की है।
भाकपा(माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा है कि विगत दिनों लॉकडाउन के चलते मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फंसे उत्तराखंड के करीब 70 युवाओं को संदर्भ में सोशल मीडिया के जरिये जानकारी प्राप्त हुई है। ये युवा इंदौर में विभिन्न होटलों में काम करते थे। अचानक लॉकडाउन हो गया तो इन्हें वहाँ से निकलने का अवसर ही नहीं मिला।
उन्होंने कहा है कि चूंकि काम-धंधे सब बंद हैं तो इन युवाओं के पास कोई रोजगार नहीं है। इसके चलते इनकी आर्थिक स्थिति भी लगातार खराब हो रही है।
सोशल मीडिया में इस मामले के चर्चा में आने पर स्थानीय लोगों और वहाँ रहने वाले उत्तरखंडी मूल के लोगों ने इनको राशन-पानी उपलब्ध करवाया है। ये कामगार लोग हैं और बिना किसी काम के परदेस में रहना इनके लिए बड़ी यंत्रणा है। आर्थिक रूप से ही नहीं मानसिक रूप से भी ये धीरे-धीरे टूट रहे हैं।
इंद्रेश मैखुरी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि इंदौर में फंसे हुए इन उत्तरखंडी कामगारों को वापस लाने के लिए राज्य सरकार तत्काल प्रभावी उपाय करे। साथ ही अन्य प्रदेशों में फंसे फंसे लोगों को भी लाने के लिए सरकार को अभियान चलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ज्ञात हुआ है कि मध्य प्रदेश की सरकार इस मसले पर सहयोग करने को तैयार है। आर्थिक और मानसिक रूप से कमजोर हो चुके ये युवा कामगार अभी तक कोरोना के प्रभाव से बचे हुए हैं। इसलिए इनके जीवन की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है कि इन्हें वहाँ से तत्काल उत्तराखंड वापस लाया जाए।
मैखुरी ने कहा कि जस प्रकार बीते दिनों विभिन्न राज्यों की सरकारों ने कोटा में कोचिंग करने वाले छात्र-छात्राओं को वापस लाने का अभियान चलाया, उसी प्रकार का अभियान उत्तराखंड सरकार को इंदौर में फंसे इन उत्तरखंडी युवा कामगारों और देश के विभिन्न राज्यों में फंसे, वापस आने की इच्छा रखने वाले उत्तरखंडी लोगों को लाने के लिए चलाना चाहिए। हर राज्य में रहने वाले, वापस आने के इच्छुक उत्तराखंडियों से संपर्क करने तथा संबन्धित राज्य की सरकार के साथ इस मामले में समन्वय के लिए राज्यवार नोडल अफसर नियुक्त किए जाएं, जो लोगों को वापस लाने की पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करें।
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा है कि मसले की गंभीरता को देखते हुए इंदौर में फंसे कामगारों को वापस लाने के लिए उत्तराखंड सरकार तत्काल अपने अधीनस्थों को उचित निर्देश देगी और अन्य राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए प्रभावी कार्यवाही करेगी।
अब देखना यह होगा कि उत्तराखंड सरकार राज्य से बाहर फंसे हुए इन तमाम उत्तराखंडी लोगों को उत्तराखंड लाने में कब तक सफल हो पाती है।