Header banner

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत, विदेश मंत्री, गवर्नर समेत 9 लोग मारे गए, हादसे से दुनिया के कई देश आवाक

admin
e

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत, विदेश मंत्री, गवर्नर समेत 9 लोग मारे गए, हादसे से दुनिया के कई देश आवाक

मुख्यधारा डेस्क

इजराइल और हमास जंग के बीच ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में अचानक हुई मौत के बाद दुनिया के कई देशों के लिए आवाक कर देने वाला हादसा है। हालांकि अभी अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की और से अभी ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर कोई बयान या सामने नहीं आई है।

e 1

वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान, फिलिस्तीन समेत कई खाड़ी देश ईरान के मौजूदा हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। सोमवार सुबह ईरान के राष्ट्रपति 63 वर्षीय इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया है।

ईरान की सेमी-ऑफिशियल न्यूज एजेंसी मेहर ने इसकी घोषणा की। हालांकि, ईरान की सरकार ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। देश में मेडिकल असिस्टेंस देने वाली रेड क्रिसेंट ने कहा कि हादसे में किसी के भी बचे होने की संभावना नहीं है। रईसी के साथ हेलिकॉप्टर में मौजूद विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की भी मौत की जानकारी दी गई है।

यह भी पढ़ें : श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के वरिष्ठ यूरोलाॅजिस्ट डाॅ. विमल कुमार दीक्षित को प्रथम स्थान

इससे पहले उनके हेलिकॉप्टर का मलबा अजरबैजान की पहाड़ियों में मिल था। इसमें राष्ट्रपति रईसी समेत 9 लोग सवार थे। हेलिकॉप्टर रविवार शाम करीब 7.00 बजे अजरबैजान के पास लापता हो गया था। रातभर से इसकी तलाश की जा रही थी। इलाके में भारी बारिश, कोहरा और ठंड की वजह से सर्चिंग में दिक्कतें आईं। इस दौरान तीन बचावकर्मी भी गायब हो गए।

राष्ट्रपति रईसी, विदेश मंत्री होसैन के अलावा हेलिकॉप्टर में पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलिक रहमती, तबरीज के इमाम मोहम्मद अली अलेहाशेम, एक पायलट, को-पायलट, क्रू चीफ, हेड ऑफ सिक्योरिटी और बॉडीगार्ड सवार थे। रईसी 19 मई की सुबह अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ एक बांध का उद्घाटन करने गए थे। लौटने के दौरान अजरबैजान की सीमा के करीब ईरान के वरजेघन शहर में यह हादसा हुआ।

फ्लाइट एक्सपर्ट काइल बेली का कहना है कि राष्ट्रपति का विमान उड़ाने वाले पायलट आमतौर पर कुशल और अनुभवी होते हैं, लेकिन हेलीकॉप्टर एक बहुत जटिल मशीन है। उन्होंने अल जजीरा को बताया, ‘जब आप उड़ान भरते हैं और मौसम साफ होता है तो सब ठीक है, लेकिन समस्या तब होती है जब पायलट पहाड़ी, ऊबड़-खाबड़ और जंगली इलाके में होते हैं और उन जगहों पर अचानक कोहरा विकसित हो सकता है, जहां आपको इसकी उम्मीद नहीं होती है।

यह भी पढ़ें : चारधाम यात्रा में अब तक 94 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की हुई स्वास्थ्य स्क्रीनिंग : डॉ. विनीता शाह

बेली ने कहा, ‘यह मौसम के पूर्वानुमानों पर होता है। मानचित्रों पर भी नहीं होगा और न ही रडार पर नजर आता है। कोहरा कहीं भी बहुत तेजी से आ सकता है और पायलट पर अचानक हमला कर सकता है। इसके बाद पायलट के लिए हेलीकॉप्टर को संभालना मुश्किल हो जाता है। सर्च ऑपरेशन में जुटे तुर्किये के एक ड्रोन को अजरबैजान की पहाड़ियों पर ताविल इलाके में जलती हुई एक जगह दिखी है। शक है कि यह ईरानी राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर का मलबा हो सकता है। हालांकि, हेलिकॉप्टर में सवार लोगों की हालत के बारे में अब भी पता नहीं चल सका है। ईरान के सुप्रीम लीडर व धर्मगुरु अली खामेनेई ने देर रात कैबिनेट की आपात मीटिंग बुलाई। इसमें बचाव अभियान के साथ ही ताजा हालात पर चर्चा हुई। ईरानी सरकार ने रिवॉल्यूशनरी गार्ड (सेना) को अलर्ट पर रखा। सेना के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी ने विशेष दस्तों को हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा। प्रमुख शहरों में बसीज फोर्स उतारी। ईरान के कुर्द बहुल इलाकों चौकसी बढ़ा दी गई। यहां पिछले साल सरकार विरोधी आंदोलन हुए थे।

यह भी पढ़ें : चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ खुले

बता दें कि साल 2021 में कट्टरपंथी नेता इब्राहिम रईसी ईरान के राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने से पहले भी कई वजहों से इब्राहिम रईसी चर्चाओं में रहे। वे सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के करीबी माने जाते हैं। माना जाता है कि वह ही खामनेई के उत्तराधिकारी भी हो सकते हैं। इब्राहिम रईसी पहले ईरानी राष्ट्रपति हैं, जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है। दरअसल, रईसी 1988 में सरकारी वकील थे। वे उन खुफिया ट्रिब्यूनल्स का हिस्सा थे, जिन्हें ‘डेथ कमेटी’ के नाम से जाना जाता है।तब उन्होंने 5 हजार राजनेताओं को देशद्रोही साबित कर दिया था। इन सभी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस घटना के बाद अमेरिका ने रईसी पर बैन लगा दिया था।

यह भी पढ़ें : मलिन बस्तियों को उजाड़ने की रची जा रही साजिश : सूर्यकान्त धस्माना

Next Post

एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ने अपना पक्ष रखकर स्पष्ट की सही स्थिति

एसजीआरआर मेडिकल काॅलेज ने अपना पक्ष रखकर स्पष्ट की सही स्थिति मेडिकल काॅलेज के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ डीजीपी को भेजी शिकायत थीसिस फाड़ने की बात झूठ, तथ्यहीन और भ्रम फैलाने वाली युवा डाॅक्टर की आत्महत्या […]
s 1 10

यह भी पढ़े