सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों व कर्मचारियों की कुर्बानियों व सहयोग से बना राज्य आज हड़ताली प्रदेश बनता जा रहा है। इसी बात को लेकर राज्य कर्मचारी एकता मंच ने 23 अगस्त को गंगोत्री से जल कलश यात्रा शुरू की। यह जल कलश यात्रा आज रुद्रप्रयाग पहुंची। रुद्रप्रयाग के कर्मचारी एकता मंच के सदस्यों ने जल कलश को कलेक्ट्रेट व विकास भवन पहुंचाया, जहाँ सभी कर्मचारियों ने जल कलश यात्रा का स्वागत किया।
कर्मचारियों का कहना है कि राज्य निर्माण में सभी ने अपनी ड्यूटी छोड़कर धरना व हड़ताल की थी। तब आंदोलन को बड़ा समर्थन मिल पाया था, लेकिन राज्य बनते ही अधिकारियों व नेताओं की मनमानी के चलते यह राज्य हड़ताली प्रदेशों मे गिना जाने लगा।
उत्तराखण्ड अलग राज्य बनाने की जो मूल धारणा थी, सपनों का उत्तराखण्ड, वह आज 20 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है। यहॉ के बुनियादी सवाल, समस्याएं आज भी जस की तस हैं। जिस कारण सरकार भी कर्मचारियोंं की समस्याओं को नहीं सुन रही, मजबूरन हमें हड़ताल करनी पड़ती है।
रुद्रप्रयाग के कर्मचारी एकता मंच के सदस्यों ने इस जल कलश यात्रा को जिले की सीमा नगरासू पहुंचाया और वहां पर चमोली जिले से आये कर्मचारी मंच को सौंपी।
बताते चलें कि यह यात्रा कल पूरे चमोली जिला मुख्यालय से होते हुए गैरसैंण विधानसभा पहुंचेगी।
30 अगस्त को कुमाऊँ के प्रसिद्ध धाम गोल्जू देवता पहुंचेगी।
कर्मचारी एकता मंच के सचिव मान बीरेंद्र बर्त्वाल ने बताया कि इसका अंतिम पड़ाव 2 सितबंर खटीमाव मसूरी शहीदों की याद में श्रद्धांजलि देने के साथ होगा।