उत्तराखण्ड: कर्ज में डूबे परिवार ने किडनी बेचने की इच्छा जताई
हिमांशु बडोनी
उम्र के जिस पड़ाव में बुजुर्ग मां बाप को सहारे की जरूरत होती है। उस उम्र में यदि किसी मां बाप अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हो तो इससे बड़ा दुर्भाग्य फिर कोई नहीं हो सकता। कोटद्वार निवासी रामचरण चेतानी को व्यापार में इतना घाटा हुआ कि इससे उबरने के लिए मजबूरन उन्हें बैंकों और सूदखोरों की शरण लेनी पड़ी, लेकिन पहले ही गर्दिश में चल रही चेतानी की किस्मत उन्हें यहां भी दगा दे गई और उनके करीबी भी उन्हें व्यापार में लाखों का चूना लगा गए।
अपने बुढ़ापे के दिनों के लिए रखी कुछ धनराशि से चेतानी ने बैंकों और सूदखोरों का कर्जा कुछ कम तो किया, लेकिन ब्याज के बोझ तले उनकी हालात पहले से और खराब हो गई। बैंकों और सूदखोरों द्वारा लगातार प्रताड़ित हो रहें चेतानी इससे इतने अजीज आ गए कि मजबूरन उन्हें अपनी ज़िंदगी का सौदा करने के लिए विवश होना पड़ा।
सोशल मीडिया में एक इस्तियार के जरिए अपनी एक किडनी बेच कर अपना कर्जा उतारने की इच्छा जाहिर करने वाले चेतानी अपने स्वाभिमान के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते और इसीलिए अपनी जान की चिंता के बजाय अपने कर्ज की चिंता में अवसाद जैसी ज़िंदगी जीने के लिए मजबूर हैं।