देहरादून/मुख्यधारा
देहरादून के रायपुर और टिहरी सकलाना पट्टी के आपदाग्रस्त गांवों का भ्रमण कर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Yashpal arya) ने आपदा प्रबंधन व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताकर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब देहरादून राजधानी से 5 किलोमीटर दूर आपदा के बाद आपदा प्रबंधन के ये हाल हैं तो राज्य के दूरस्थ इलाकों की कल्पना करना मुश्किल है।
यशपाल आर्य (Yashpal arya) देहरादून के रायपुर विकासखंड के सरखेत ग्राम सभा के तिमली, भैंसवाढ गाँव, घंटु का सेरा सेरखी का भ्रमण किया। सरखेत ग्राम सभा के इन गांवों में 5 लोग और उसके सामने टिहरी के ग्वाड़ गांव में 12 लोग गायब हैं। ग्वाड़ में 2 लोगों के मृत शरीर मिल गए हैं।
इस इलाके में सैकड़ों बीघा जमीनें, सैकड़ों घर और पशु मलबे से समाप्त हो गए हैं। बेघर लोगों को माल देवता स्कूल में रखा गया है। नेता प्रतिपक्ष के समक्ष आपदा में बेघर लोगों ने मांग रखी कि, ‘सरकार राशन और अहेतुक राशि देने के बजाय हमारा सुरक्षित स्थानों में पुनर्वास किया जाए।’ इस पर यशपाल आर्य (Yashpal arya) ने आश्वासन दिया कि वे बेघर पीडि़तों का पूरा साथ देंगे।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Yashpal arya) ने आरोप लगाया कि, सरकार ने 2013 की आपदा से भी सीख नहीं ली है। राजधानी के पास के इलाके में भी विभागों का ‘रिस्पांस पीरियड’ ठीक नहीं है। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि मुख्यमंत्री को तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर इस आपदा ही नहीं, बल्कि किसी भी संभावित घटना के लिए तैयारी करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य (Yashpal arya) के साथ केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रभु लाल बहुगुणा, कांग्रेस प्रवक्ता सूरत सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य अश्वनी बहुगुणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य विनीत डोभाल, पूर्व प्रधान सरखेत विजेंद्र पंवार, प्रधान सरखेत नीलम कोतवाल, संजय कोतवाल, पार्षद अनिल छेत्री, महेंद्र सिंह पंवार, सुरेश नेगी, रायपुर ट्रक यूनियन वेलफेयर सोसाइटी के पदाधिकारीगण आदि मौजूद थे।