उपासना-साधना का पर्व : महाशिवरात्रि का पर्व कल पूरे धूमधाम के साथ मनाया जाएगा, इस बार बन रहा दुर्लभ महासंयोग, आखिरी स्नान के साथ कुंभ का भी होगा समापन
मुख्यधारा डेस्क
बुधवार को देशभर में महाशिवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इसी के साथ प्रयागराज में महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा। माघ पूर्णिमा के बाद महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा।
महाशिवरात्रि पर दुर्लभ महासंयोग बन रहा है। जिसमें तीन ग्रहों की युति बन रही है। त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग जैसे विशेष ग्रह योग बनेंगे। इस योग में शिव साधना करने वालों को मनोवांछित फल मिलेगा। महादेव की उपासना एवं साधना का पर्व महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालु दिनभर शिवालयों में जलाभिषेक कर सकेंगे।
इसके लिए मंदिरों को फूलों व रंग-विरंगी लाइटों से सजाया जा रहा है। इस वर्ष महाशिवरात्रि की तिथि का आरंभ 26 फरवरी को प्रातः 11:08 बजे होगा और इसका समापन 27 फरवरी को प्रातः 8:54 बजे होगा। चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है, अतः व्रत भी 26 फरवरी को रखा जाएगा और इसी दिन महाकुंभ मेले का समापन होगा। महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान संपन्न किया जाएगा। महाकुंभ के अंतिम दिन महाशिवरात्रि के अवसर पर त्रिवेणी संगम या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह स्नान मोक्षदायी होता है और व्यक्ति के पापों का नाश कर पुण्य प्रदान करता है।आस्था के इस महाकुंभ के समापन से पहले वह पुण्य स्नान कर लेना चाहते हैं।
महाशिवरात्रि पर एक बार फिर से श्रद्धालुओं की भीड़ के सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 63 करोड़ से ज्यादा तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और हजारों वाहनों की आवाजाही के बावजूद, प्रयागराज में वायु की गुणवत्ता खराब नहीं हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान परिषद में कहा- विपक्ष ने महाकुंभ के गंगा जल पर सवाल उठाया। वैज्ञानिकों ने साबित किया कि गंगा का पानी एल्कलाइन वाटर से भी शुद्ध है। उन्होंने कहा- हमारी सरकार बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर है। हम मुल्ला-मौलवी नहीं, वैज्ञानिक बनाते हैं। योगी ने सऊदी अरब के मक्का से लेकर वेटिकन सिटी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की तुलना प्रयागराज, काशी और अयोध्या से की। कहा- वेटिकन सिटी में पूरे साल में 2 करोड़ लोग पहुंचते हैं। प्रयागराज में तो एक दिन में ही इतने लोग पहुंच गए।
वहीं महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष के बाद होता है। 12 वर्ष का चक्र पूरा करने के बाद इस साल 13 जनवरी को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर महाकुंभ मेले का आयोजन किया, जिसके बाद महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के अवसर पर किया गया था। वहीं दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या और तीसरा अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन किया गया। जिसके बाद से सभी साधु-संतों ने महाकुंभ से वापसी कर ली, लेकिन उसके बाद महाकुंभ में एक स्नान माघी पूर्णिमा और अब आखिरी स्नान कल होगा।
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महाशिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान, कई राशियों के लिए लाभकारी
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का दिन काफी खास माना जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस दिन ग्रहों की स्थिति काफी अलग रहने वाली है।
बता दें कि धन के दाता शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, जिससे मालव्य राजयोग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही मीन राशि में शुक्र की राहु के साथ युति हो रही है। इसके अलावा कुंभ राशि में सूर्य-शनि की युति हो रही है। पिता-पुत्र की युति होने से कई राशियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा कुंभ राशि में बुध भी विराजमान है, जिससे तीनों ग्रहों की युति से त्रिग्रही योग और सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग और शनि के अपनी मूल त्रिकोण राशि में होने से शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। ऐसा संयोग 1873 में बना था और करीब 149 साल बाद 2025 में बनने वाला है। इसके अलावा इस दिन शिव के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। महाशिवरात्रि के दिन मेष राशि वालों को शुद्ध शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन वृषभ राशि वालों को गाय के कच्चे से दूध शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन मिथुन राशि वालों को गन्ने के रस में बेलपत्र मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन कर्क राशि वालों को शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। सिंह राशि वालों को शहद मिश्रित गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन कन्या राशि वालों को भांग मिश्रित गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। तुला राशि वालों को पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन वृश्चिक राशि वालों को सुगंध मिश्रित गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। धनु राशि वालों को दूध में केसर मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इस दिन मकर राशि वालों को काले तिल मिश्रित दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। कुंभ राशि वालों को गंगाजल में पान के पत्ते मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
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वहीं मीन राशि वालों को दूर्वा मिश्रित गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।