अच्छी खबर : ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आरटीओ जाकर टेस्ट देने की बाध्यता खत्म, झंझटों से मिली मुक्ति, केंद्र ने बनाए आसान और नए नियम
मुख्यधारा डेस्क
चाहे टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है। लाइसेंस बनाने के लिए आरटीओ जाना पड़ता है।
18 साल से ऊपर सभी भारतीय नागरिक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ ऑफिस में आवेदन दे सकता है। लेकिन आरटीओ के सिस्टम को देखकर नागरिकों को कई बार वापस भी लौटना पड़ता है। यह एक ऐसा सरकारी विभाग है जो सबसे बड़ा दलालों का अड्डा समझा जाता है।
आए दिन आरटीओ दफ्तर में मुख्यमंत्री से लेकर आला अधिकारी छापेमारी के साथ निरीक्षण करने भी पहुंचते हैं। उसके कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक रहती है, लेकिन फिर वैसी हो जाती है। ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए सबसे मुश्किल काम ड्राइविंग टेस्ट को पास करने का होता है जिसमें हमेशा देरी होती है, जैसा की आप सभी को पता है बिना ड्राइविंग टेस्ट पास किये बिना आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता है।
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भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना एक कठिन प्रक्रिया मानी जाती है, क्योंकि इसके लिए आवेदक को कई तरह के फॉर्म भरने होते हैं। इन कमियों को दूर करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में मौजूदा ड्राइविंग नियमों में बड़े बदलाव करने की घोषणा की है। ये बदलाव न सिर्फ सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे बल्कि, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को भी आसान बनाएंगे।
लाइसेंस बनवाने के लिए अब कम कागजी कार्रवाई करनी होगी। आपको सिर्फ वही जरूरी दस्तावेज देने होंगे, जो आपके लाइसेंस के प्रकार के हिसाब से बताए जाएंगे। परिवहन विभाग आपको पहले ही बता देगा कि आपको कौन-से दस्तावेज चाहिए।
यह नियम 1 जून 2024 से लागू होंगे। इसके तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों यानी आरटीओ में टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। आप यह टेस्ट प्राइवेट ट्रेनिंग सेंटर में भी दे सकते हैं। यहां से मिले सर्टिफिकेट को लाइसेंस के आवेदन में इस्तेमाल किया जाएगा। पहले तो टेस्ट सिर्फ आरटीओ ऑफिस में ही होता था, अब आप अपनी पसंद के किसी भी नजदीकी टेस्ट सेंटर पर टेस्ट दे सकते हैं। ये टेस्ट सेंटर प्राइवेट कंपनियां चलाएंगी, जिन्हें सरकार से मान्यता प्राप्त होगी।
नए नियमों के अनुसार प्राइवेट ट्रेनिंग स्कूलों को सरकार से मान्यता प्राप्त होना चाहिए
नए नियम के मुताबिक अब आप किसी प्राइवेट इंस्टीटयूट में जाकर भी ड्राइविंग का टेस्ट दे सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना है कि यह नियम सभी ड्राइविंग स्कूल और प्राइवेट इंस्टीटयूट पर लागू नहीं होता। इसके लिए आरटीओ द्वारा मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल से ही ड्राइविंग टेस्ट पास कर सकते हैं। तभी आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जारी किए गए नए नियमों के अनुसार सिर्फ वही ट्रेनिंग सेंटर और ड्राइविंग स्कूल मान्य होंगे जो कम से कम 1 एकड़ की जमीन पर बने होंगे। इसके साथ ही इंस्टिट्यूट में जो ट्रेनर ड्राइविंग की ट्रेनिंग देंगे। उनके पास कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या उसके बराबर की डिग्री होना भी अनिवार्य है। इसके साथ ही ट्रेनर को कम से कम 5 साल का ड्राइविंग एक्सपीरियंस होना जरूरी है।
वहीं ट्रेनर को फंडामेंटल बायोमेट्रिक और आईटी सिस्टम के बारे में भी पता होना चाहिए। हल्के वाहनों को लेकर ट्रेनिंग का समय 4 हफ्ते और 29 घंटे तय किया है। तो वही भारी वाहनों के लिए इसके लिए मिनिमम 38 घंटे जरूरी है। जिनमें 8 घंटे की थ्योरी क्लासेस भी शामिल हैं। गाड़ी चलाते समय बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर अब और सख्त सजा मिलेगी। जुर्माना 2,000 रुपये तक हो सकता है। अगर कोई नाबालिक गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके माता-पिता पर भी 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है, साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद हो सकता है।
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लाइसेंस के लिए आवेदन करने का तरीका अभी भी वही रहेगा। आप ऑनलाइन (https://parivahan.gov.in/) या सीधे RTO कार्यालय जाकर आवेदन कर सकते हैं।
कितनी होगी ड्राइविंग लाइसेंस की फीस
लर्नर लाइसेंस जारी करने की फीस: 150 रुपए
लर्नर लाइसेंस टेस्ट फीस: 50 रुपए
ड्राइविंग टेस्ट फीस: 300 रुपए
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की फीस: 200 रुपए
इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट जारी करना: 1,000 रुपए
लाइसेंस में अन्य गाड़ियों को जोड़ने की फीस: 500 रुपए
ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूअल: 200 रुपए (ग्रेस पीरियड के बाद 300 रुपए + 1,000 रुपए हर साल)
ड्राइविंग इंस्ट्रक्शन स्कूल के लिए डुप्लीकेट लाइसेंस: 5,000 रुपए