भीषण गर्मी के बीच 50 डिग्री तापमान पहुंचने पर चर्चा में आया फलोदी, जानिए कहां है यह शहर और क्यों होता है इतना गर्म
मुख्यधारा डेस्क
राजस्थान का छोटा शहर फलोदी इन दिनों देश ही नहीं बल्कि दुनिया के मानचित्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह शहर विश्व के सबसे गर्म शहरों की लिस्ट में मीडिया, सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। भीषण गर्मी के बीच जब फलोदी का तापमान पिछले दिनों 50 डिग्री पहुंचा तब देश-विदेश के हजारों लोग इस शहर की सर्चिंग में जुट गए। यहां पर लगातार तीन दिनों से तापमान 50 डिग्री के आसपास बना हुआ है। शहर में जानलेवा गर्मी पड़ रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार एक जून 2019 के बाद से 50 डिग्री सेल्सियस देश में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है। राजस्थान के चुरू में 2019 में 50.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। आइए जानते हैं फलोदी शहर कहां पर है। राजस्थान के जोधपुर जिले का ये छोटा सा शहर यकायक साल 2016 में सुर्खियों में आया, जब यहां का टेंपरेचर 51 डिग्री सेल्सियस तक मापा गया। इसके इतने गर्म होने के पीछे वजह ये है कि ये शहर थार रेगिस्तान से सटा हुआ है।
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ये वही थार मरुस्थल है, जिसका 80 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा भारत में और बाकी हिस्सा पाकिस्तान में है। गर्मियों में बेहद गर्म और सर्दियों में काफी ठंडा रहने वाला फलोदी शहर बड़े शहरों से घिरा है, जैसे बीकानेर, जैसलमेर और नागौर है।
माना जाता है कि ये शहर काफी प्राचीन है। साल 1230 में यहां का प्रसिद्ध कल्याण रावजी मंदिर बना था। वैसे शहर का निर्माण 14वीं सदी के अंत से माना जाता है, जब राजा हमीर सिंह ने यहां काफी सारे विकास कार्य करवाए, जैसे इमारतें, दुकानें और बावड़ियां बनवाना। यहां पर साल 1847 में बना जैन तीर्थ पारसनाथ मंदिर है, जहां उस दौर में भी बेल्जियम ग्लास का इस्तेमाल हुआ था। रिपोर्ट्स की मानें तो फलोदी में जब तापमान बढ़ता है तो सड़कों पर आवाजाही कम हो जाती है, लेकिन शहर की रफ्तार पर कोई ज्यादा असर पड़ता नहीं। इस गरमी में दुकानें खुली रहती हैं और लोग निकलते हैं। यूं भी रेगिस्तान के करीब होने के कारण यहां के लोगों को गरमी का आदत भी है।
साल 2011 के सेंसस के मुताबिक यहां की आबादी लगभग 49,766 है,जो यहां की इंडस्ट्रीज में काम करती है। बता दें कि पुराने दौर में काफी समृद्धि देख चुका ये शहर अब भी अपनी औद्योगिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। फलोदी पूरे देश में नमक का सबसे बड़ा सप्लायर है। साथ ही यहां प्लास्टर ऑफ पेरिस का खूब काम होता है। हालांकि इन सबसे ऊपर एक और बात है, जो इस गर्म इलाके को नाम देती है।
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दरअसल यहां के खिंचान गांव में हर साल प्रवासी सारस पक्षी आते हैं। इस समय की भीषण गर्मी न केवल देश के उत्तरी मैदानी इलाकों और मध्य क्षेत्रों को बल्कि हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों और पूर्वोत्तर में असम और अरुणाचल प्रदेश को भी प्रभावित किया है।
वहीं आज नौतपा का तीसरा दिन है। राजस्थान में लू से चार दिन में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 25 हो गया। मौसम विभाग ने अगले दो दिन के लिए राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में भीषण हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में अलग-अलग इलाकों में हीटवेव का यलो अलर्ट है। बाड़मेर इस सीजन में पहली बार तापमान 49 डिग्री पहुंचा है।
इससे राजस्थान के 5 शहरों में सर्वाधिक तापमान का आठ साल पुराना रिकॉर्ड तक टूट गया। जिन 17 शहरों में सोमवार को लू अलर्ट जारी किया गया है, उनमें अलवर, भरतपुर, झुंझुनूं, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर और जोधपुर आदि शामिल हैं।
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धौलपुर, भीलवाड़ा, दौसा, जयपुर, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर के लिए ऑरेंज अलर्ट है। राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र पाकिस्तान बॉर्डर के पास सर्वाधिक गर्मी पड़ रही है। बताया जा रहा है कि बॉर्डर क्षेत्र का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। रविवार को बॉर्डर पर तैनात जवानों ने आर्मी की जिप्सी के बोनट पर रोटी सेक कर तापमान बताया। साथ ही गर्म में रेत में पापड़ भी सेके। हालांकि बॉर्डर एरिया में विश्व मौसम संगठन की ओर से अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपकरण नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में मौसम विभाग के अधिकारी बॉर्डर एरिया के तापमान का बुलेटिन जारी नहीं करता है।
मौसम विभाग की ओर से केवल उन्हीं शहरों का तापमान बताया जाता है जिन क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मापदंड के उपकरण लगे हुए हैं।
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने 29 मई से पूर्वी राजस्थान व 30 मई से पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री गिरावट होने की संभावना व्यक्त की है। वहीं जून के प्रथम सप्ताह में राज्य के ज्यादातर भागों में अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास दर्ज होने की संभावना जताई है।
वहीं दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात रेमल रविवार शाम तूफान में बदल गया। देर रात पश्चिम बंगाल में तूफान का लैंडफॉल हुआ। इस दौरान करीब 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं।
कोलकाता में तेज आंधी-बारिश के चलते कई जगह पेड़ उखड़ गए, घरों को भी नुकसान पहुंचा। गृह मंत्रालय ने बंगाल के तटीय इलाकों में एनडीआरएफ की 12 टीमें तैनात की थीं और 5 अतिरिक्त टीम को स्टैंडबाय पर रखा था। जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और कॉस्ट गार्ड टीम भी इमरजेंसी के लिए मुस्तैद की गई थीं।
इससे पहले प्रशासन ने बंगाल के तटीय इलाकों से करीब 1.10 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेज दिया था।