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नालंदा का कैंपस : पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का किया उदघाटन, प्रधानमंत्री ने प्राचीन खंडहर का भी किया दौरा

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नालंदा का कैंपस : पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का किया उदघाटन, प्रधानमंत्री ने प्राचीन खंडहर का भी किया दौरा

मुख्यधारा डेस्क

लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राजगीर स्थित अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। इस विश्वविद्यालय के जरिए बौद्ध धर्म मानने वाले प्रमुख देशों जैसे श्रीलंका, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, विएतनाम, लाओस, कंबोडिया में भारत के प्रति वैसा ही सद्भाव बनाने की कोशिश होगी, जैसा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के काल में था।

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इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है। ये मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संदेश के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा, नालंदा केवल नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है, एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा है उद्घोष इस सत्य का कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती। नालंदा के ध्वंस ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रहा है।

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पीएम ने कहा, अपने प्राचीन अवशेषों के करीब नालंदा का नवजागरण ये नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा बताएगा जो राष्ट्र मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें विश्व के एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था। हर देश हर वर्ग के युवा यहां पर अध्ययन करने के लिए आते थे। राजगीर की पंच पहाड़ियों में शुमार वैभारगिरि की तलहटी में नए नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ है।

नालंदा विश्वविद्यालय के नये परिसर का निर्माण 455 एकड़ के विशाल भूखंड पर किया गया है। नये कैंपस में कुल 24 बड़ी इमारत, 450 क्षमता का निवास हॉल, महिलाओं के लिए तथागत निवास हॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व फूड कोर्ट, 40 हेक्टेयर में जलाशय, अखाड़ा, ध्यान कक्ष, 300 क्षमता का ऑडिटोरियम, योग परिसर, स्पोर्ट्स स्टेडियम, एथलेटिक ट्रैक के साथ आउटडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम, व्यायामशाला, अस्पताल, पारंपरिक आहर-पइन जल नेटवर्क, सोलर फार्म आदि हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा अभियान का केंद्र बने। भारत की पहचान फिर से दुनिया के ज्ञान के केंद्र के रूप में हो।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने करीब 15 मिनट तक 1600 साल पुराने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर का दौरा किया। खंडहर में प्रधानमंत्री 10.03 बजे पहुंचे। 10.24 मिनट पर वे वहां से निकल गए।इसके बाद प्रधानमंत्री ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए स्वरूप को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पौधा भी लगाया।

कार्यक्रम में 17 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पुरानी सरकार बात नहीं सुनती थी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के लिए कई बार उन्होंने अनुरोध किया था।

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इस अवसर पर पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और 17 देशों के राजदूत, संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी मौजूद रहे।

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