ब्रेकिंग: ग्रीस से सीधे पीएम मोदी (PM MODI) सुबह बेंगलुरु पहुंचे, इसरो वैज्ञानिकों को गले लगा कर बधाई दी व पीठ थपथपाई
हर साल 23 अगस्त को ‘नेशनल स्पेस डे’ के रूप में मनाया जाएगा
मुख्यधारा डेस्क
ग्रीस की यात्रा खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे ही आज सुबह करीब 6 बजे बेंगलुरु एचएएल हवाई अड्डे पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए स्थानीय कलाकार बेंगलुरु में एचएएल एयर पोर्ट के बाहर सड़कों पर ढोल बजाते और नृत्य करते नजर आ रहे हैं। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने लोगों को संबोधित किया।
#WATCH | Karnataka | Prime Minister Narendra Modi raises the slogan 'Jai Vigyan Jai Anusandhan' outside HAL airport in Bengaluru.
PM Modi will shortly meet scientists of the ISRO team involved in Chandrayaan-3 Mission. pic.twitter.com/1FHiz9or4h
— ANI (@ANI) August 26, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयर पोर्ट पर कहा कि मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था क्योंकि मैं विदेश में था। मैंने तय किया कि भारत जाऊंगा तो सबसे पहले बेंगलुरु जाऊंगा। सबसे पहले उन वैज्ञानिकों को नमन करुंगा, यह समय उद्बोधन का नहीं है। मेरा मन उन वैज्ञानिकों के पास पहुंचने के लिए उत्सुक है। पीएम ने जय जवान, जय किसान, जय अनुसंधान का नारा दिया। यहां से उनका काफिला इसरो के कमांड सेंटर के लिए निकला है। एयरपोर्ट से सेंटर की दूरी 30 किमी है।
इस दौरान उन्होंने रोड शो भी किया। सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोग खड़े थे। इस दौरान मोदी कार के दरवाजे के पास खड़े होकर लोगों का अभिवादन करते नजर आए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो टीम के वैज्ञानिकों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में इसरो प्रमुख एस सोमनाथ और चंद्रयान-3 मिशन में शामिल अन्य वैज्ञानिकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने टीम के सभी वैज्ञानिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।
पीएम मोदी ने कहा, यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है, यह अनंत ब्रह्मांड में भारत की वैज्ञानिक उपलब्धि की उपस्थिति है। आज भारत चंद्रमा पर है। चंद्रमा पर हमारा राष्ट्रीय गौरव है। पीएम मोदी ने घोषणा की कि अब से 23 अगस्त का दिन हर साल ‘नेशनल स्पेस डे’ के रूप में मनाया जाएगा।
चांद पर जहां मून लैंडर हुआ है उसे अब शिवशक्ति पॉइंट के नाम से जाना जाएगा
पीएम मोदी ने चांद की उस जगह के नामकरण की भी घोषणा की जहां पर लैंडर विक्रम उतरा था। पीएम मोदी ने कहा, चांद पर जहां मून लैंडर उतरा है, उस जगह को ‘शिवशक्ति प्वाइंट’ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प समाहित है और शक्ति से हमें उस संकल्प को पूरा करने सामर्थ्य मिलता है।
पीएम मोदी ने कहा, आपने जो साधना की है, वो देशवासियों को पता होना चाहिए। ये यात्रा आसान नहीं थी। मून लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल तक बना डाला। इस पर विक्रम लैंडर को उतारकर टेस्ट किया गया था। इतने सारे एग्जाम देकर मून लैंडर वहां तक गया है तो उसे सफलता मिलना ही तय था। आज जब देखता हूं कि भारत की युवा पीढ़ी साइंस, स्पेस और इनोवेशन को लेकर इतनी एनर्जी से भरी है, उसके पीछे ऐसी सफलताएं हैं। मंगलयान और चंद्रयान की सफलता और गगनयान की तैयारी ने देश को नया मिजाज दे दिया है। आज भारत के छोटे-छोटे बच्चों की जुंबा पर चंद्रयान का नाम है।
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आज भारत का बच्चा अपने वैज्ञानिकों में भविष्य देख रहा है। आपकी यह भी उपलब्धि है कि आपने भारत की पूरी की पूरी पीढ़ी का जाग्रत किया है और ऊर्जा दी है। अपनी सफलता की गहरी छाप छोड़ी है। आज से कोई भी बच्चा रात में चंद्रमा को देखेगा तो उसको विश्वास होगा कि जिस हौसले से मेरा देश चांद पर पहुंचा है, वही हौसला और जज्बा उस बच्चे में भी है। आपने बच्चों में आकांक्षाओं के बीज बोए हैं। वो वटवृक्ष बनेंगे और विकसित भारत की नींव बनेंगे। युवा पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा मिले, इसके लिए एक निर्णय लिया है।
पीएम मोदी को ग्रीस के दूसरे सर्वोच्च सम्मान से किया गया सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रीस के दूसरे सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी ग्रीस को पुराना दोस्त बताया और दोनों देशों की बीच 2030 तक व्यापार दोगुना करने की बात कही। उन्होंने भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में 5 साल में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। 40 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री ग्रीस गया था। इससे पहले इंदिरा गांधी ने 1983 में ग्रीस का दौरा किया था। तुर्किये के देश बनने से पहले भी यूनानियों और तुर्कों के बीच दुश्मनी का एक लंबा इतिहास रहा है। इस मुद्दे पर भारत ने हमेशा से ग्रीस का साथ दिया है। वहीं, ग्रीस भी कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन करता है। ग्रीस UNSC में भारत को परमानेंट मेंबर बनाने का समर्थक है।
बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल बुधवार शाम को जब चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा, उस समय मोदी जोहानिसबर्ग में थे और वह आईएसटीआरएसी में मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) में इसरो टीम के साथ डिजिटल तरीके से जुड़े थे। प्रधानमंत्री मोदी जोहानिसबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे। वहां से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग पर वैज्ञानिकों के साथ देशवासियों को बधाई दी थी।
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