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नरेंद्र दामोदरदास मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में आठ साल का ऐसा रहा सियासी सफर। 2014 में शुरू की नई पारी

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शंभू नाथ गौतम

10 जून, साल 2013 को भारतीय जनता पार्टी की पणजी, गोवा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही थी। उस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह थे। पार्टी साल 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारियों में जुटी हुई थी। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में नाम का प्रस्ताव रखा था। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। हालांकि राजनाथ सिंह के इस प्रस्ताव का भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने विरोध भी किया।

लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज समेत कई नेता पीएम चेहरे के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम से सहमत नहीं थे। आखिरकार बाद में इन नेताओं ने नरेंद्र मोदी को ही अपना समर्थन दे दिया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़े गए। जिसमें भाजपा इतिहास रचते हुए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई। ‌

यहां से नरेंद्र मोदी ने केंद्र की राजनीति शुरू की। बता दें कि 26 मई साल 2014 में आज ही के दिन 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने शपथ ली थी। उसके बाद नरेंद्र मोदी जब पहली बार दिल्ली स्थित संसद भवन पहुंचे थे तब उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर को झुक कर नमन किया था। तब हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं।

पिछले चुनावों के मुकाबले कांग्रेस को 162 सीटों का घाटा तो भाजपा को 166 सीटों का फायदा हुआ। देश में 30 साल बाद ऐसा हुआ था कि किसी पार्टी को बहुमत मिला हो। इससे पहले 1984 में कांग्रेस ने 414 सीटें जीतीं थीं। तब बीजेपी को महज 2 सीटें मिली थीं। 2 से 282 सांसदों का सफर तय करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी शिखर पर पहुंचती चली गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का डंका देश के साथ विदेशों में भी खूब बजने लगा। 5 साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नरेंद्र मोदी ने बड़ी सफलता हासिल की है। ‌2019 में लोकसभा चुनाव हुए तो माना जा रहा था कि भाजपा इस बार 2014 जैसा कमाल नहीं दिखा पाएगी लेकिन जब नतीजे आए तो भाजपा के लिए 2014 से भी बड़ी जीत लेकर आए।

2019 में भाजपा ने अकेले दम पर 303 सीटें जीतीं और नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। मोदी सरकार को सत्ता पर काबिज हुए 8 साल हो गए है और इन 8 सालों में काफी कुछ बदल गया है। बीते आठ सालों में जीडीपी ग्रोथ, विनिवेश, नोटबंदी, एसेट मॉनेटाइजेशन और शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते महंगाई से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के बावजूद मोदी सरकार मोर्चे पर डटे हुए हैं।

मोदी सरकार के आठ साल कार्यकाल में कुछ मुख्य योजनाएं इस प्रकार रही–

साल 2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की। कई ऐसी भी हैं जो जनता के बीच सराही गई। बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी।

इस योजना के तहत शहरी और ग्रामीण लोगों को पक्के घर दिए जाते हैं। इस योजना में लोगों को कम कीमत पर लोन दिया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को 5 लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज मिलता है।‌‌ इसके लिए सभी लाभार्थियों का स्वास्थ्य बीमा कराया जाता है।

केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना ग्रामीण महिलाओं के बीच सबसे लोकप्रिय योजना मानी जाती है। इसके तहत सरकार गरीब परिवारों के लिए घरेलू रसोई गैस यानी एलपीजी कनेक्शन मुफ्त में मुहैया कराती है। इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को की गई थी । जनधन योजना देश के हर नागरिक को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त 2014 को हुई थी। आज डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की देश में कामयाबी इसी योजना की वजह से पूरी हो सकी है।

कोरोना संकट के दौरान महिलाओं के इन्हीं बैंक खातों में सहायता राशि पहुंचाई गईं। आम लोगों को हर तरह की सब्सिडी का लाभ इसी खाते के जरिए मिल रहा है। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2019 से आम चुनावों से ठीक पहले की थी। इसके तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में हर साल 6000 रुपये जमा करती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कोरोना संकट के दौरान ये योजना शुरू हुई जिसका एलान 26 मार्च 2020 को हुआ था।

इसके योजना के जरिए सरकार का उद्देश्य है कि देश में कोई भी नागरिक किसी भी स्थिति में भूखा न सोए। जल जीवन मिशन में मोदी सरकार का एक लक्ष्य है कि साल 2024 तक देश के घर-घर में स्वच्छ पानी उपलब्ध करा दिया जाए। ये योजना 2019 में शुरू हुई थी। इसे हर घर नल योजना को जल जीवन मिशन के नाम से भी जाना जाता है।

मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया। इस योजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सराहा गया। इस स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए शौचालयों का निशुल्क निर्माण किया जा रहा है।

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