पीएम का विदेश दौरा, चार दशक बाद भारतीय प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया दौरे पर
पीएम मोदी की रूस यात्रा पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जेलेंस्की को पसंद नहीं आई, की कड़ी निंदा
मुख्यधारा डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों विदेश दौरे पर हैं। पीएम मोदी ने अपने विदेश दौरे की शुरुआत सोमवार को रूस से की थी। मंगलवार को दो दिवसीय रूस का दौरा खत्म कर प्रधानमंत्री ऑस्ट्रिया पहुंचे। रूस पहुंचने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत किया। रूस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद उन्हें सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी। रूस के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मोदी, पुतिन के साथ शिखर वार्ता में भी शामिल हुए। रूस- यूक्रेन युद्ध को लेकर उन्होंने कहा कि जंग के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं। समाधान के लिए वार्ता जरूरी है। इसके जवाब में पुतिन ने कहा कि पीएम मोदी यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं, हम उसके लिए आपके आभारी हैं।
यह भी पढ़ें : दुखद : नहीं रही केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत (Shailarani Rawat), शोक की लहर
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। इसलिए मॉस्को में हुए आतंकी हमले का दर्द समझ सकता हूं। मैं हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं। शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मुझे बहुत खुशी है। मैं विश्व समुदाय को आश्वत करना चाहता हूं कि भारत शांति का पक्षधर है। चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हों, जब जान का नुकसान होता है तो मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को दुख होता है। जब मासूम बच्चों की हत्या होती है, जब हम मासूम बच्चों को मरते देखते हैं तो दिल दहल जाता है। वह दर्द बहुत बड़ा है। इस पर मैंने पुतिन से विस्तृत चर्चा भी की। पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर थी। दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को पसंद नहीं आई।
उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात पर तीखी टिप्पणी की। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।’
दरअसल, यूक्रेन का दावा है कि सोमवार को रूस ने कीव में बच्चों के अस्पताल पर हमला किया जिसमें 41 लोग मारे गए। ये सब उस वक्त हुआ जब मोदी रूस दौरे पर रवाना हो चुके थे।जेलेंस्की के इस बयान पर रूस ने जवाब दिया है। भारत में रूसी प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने कहा, उन्होंने यह तब कहा, जब अस्पताल पर गोलाबारी हुई। यह रूसी मिसाइल नहीं, बल्कि यूक्रेनी एंटी-मिसाइल थी। बता दें कि मंगलवार को यूक्रेन का दावा है कि इस मिसाइल हमले में 37 लोग मारे गए, जिनमें से तीन बच्चे थे, और 170 लोग घायल हुए, जिनमें 13 बच्चे शामिल हैं। यूक्रेन ने ये भी दावा किया कि बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर रूसी मिसाइल से हमला किया गया, जिसमें कैंसर पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा था।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वियना में ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। बता दें कि 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की यह पहली यात्रा है। इससे पहले इंदिरा गांधी 1983 में देश का दौरा करने वाली आखिरी भारतीय प्रधानमंत्री थीं। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को वियना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे। ऑस्ट्रिया ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जिसका पीएम मोदी ने आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रेस मीट के दौरान कहा, ‘मुझे खुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुझे ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘मेरी ये यात्रा ऐतिहासिक भी है और विशेष भी है। 41 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है। ये भी सुखद संयोग है कि ये यात्रा उस समय हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपना रुख दोहराया कि यह युद्ध का समय नहीं है और निर्दोष लोगों की जान नहीं जानी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत और ऑस्ट्रिया दोनों ही संवाद और कूटनीति के माध्यम से शांति और स्थिरता की वकालत करते हैं, और इन प्रयासों के लिए भारत के समर्थन का वचन देते हैं। नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें दोनों ने सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा की। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधारों के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की और चांसलर नेहमर और ऑस्ट्रिया के लोगों को उनके आगामी चुनावों के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।