छह माह से आगजनी से मरे मवेशियों के मुआवजे के लिए भटक रहा है पीड़ित। शीघ्र मुआवजा न मिलने पर धरने पर बैठने की दी चेतावनी
नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
राजस्व प्रशासन की लापरवाही व मनमानी का खामियाजा कंताडी गांव का सुरेशा लाल बीते 6 माह से तहसील कार्यालय के चक्कर काटकर भुगत रहा है, किंतु राजस्व पटवारी की जांच व आग से जले आधा दर्जन मवेशियों की पंचनामा रिपोर्ट के बाद भी आज तक पीड़़ित परिवारों का मुआवजा नहीं मिला। ऐसे में इन लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है।
विकासखंड पुरोला के हुडोली न्याय पंचायत के अंतर्गत कंताडीगांव के मटियाणा नामे तोक में 6 माह पूर्व दिसम्बर 14 सुबह सुरेशा लाल पुत्र ईंशरू लाल की छानी में अचानक आग लग गई, जिसमें 2 बैल,एक जर्सी गाय व दो बछिया जिंदा जल गई थी।
सूचना पर राजस्व उपनिरीक्षक हुडोली ने घटना स्थल पर जाकर जहां नुकसान का जायजा लिया, वहीं ग्रामीणों के सामने अग्निकांड से जले मवेशियों का पंचायत किया व मेडिकल समेत दिसम्बर में ही जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी पर आजतक पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं मिला।
उधर पीड़ित सुरेशा लाल ने बताया कि आग से छानी समेत राशन, कपड़ेे व एक जोडी बैल, एक जर्सी गाय, दो बछिया जिंदा जले, जिसकी जांच रिपोर्ट व दो लाख 50 हजार के नुकसान का आंकलन, पंचनामा मेडिकल रिपोर्ट दिसम्बर में ही राजस्व उपनिरीक्षक ने तहसील में जमा कर दी थी, तभी से वह मुआवजे को लेकर तहसील के चक्कर काट रहा है।
सुरेशा लाल ने बताया कि वह एक गरीब आदमी मेहनत मजदूरी कर परिवार का लालन पालन करता है। उसने कहा कि यदि दो सप्ताह में मुआवजा न मिला तो तहसील में धरना देने के लिए मुझे मजबूर होना पड़ेगा।
दूसरी ओर तहसीलदार चंदन सिंह राणा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जल्दी ही आग से मवेशियों के जलने संबंधित मुआवजे के प्रकरण की फाइल के बारे में जानकारी लेकर उचित कार्यवाही की जायेगी।