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प्राथमिकता के साथ खोली जाएं ग्रामीण सड़कें-सुमन

admin
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प्राथमिकता के साथ खोली जाएं ग्रामीण सड़कें-सुमन

हालात का जायजा लेने सचिव आपदा प्रबंधन दूसरे दिन भी पहुंचे कंट्रोल रूम
देहरादून/मुख्यधारा
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को भी यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर मानसून के दृष्टिगत सभी जिलों में हालात का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न नदियों के जलस्तर, अवरुद्ध सड़क मार्गों तथा राज्य में हो रही बारिश को लेकर जानकारी ली।
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मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश के एलर्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कंट्रोल रूम पहुंचकर सभी जनपदों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को एलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास  विनोद कुमार सुमन को सभी जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर किसी भी आपदा की स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने के निर्देश दिए थे।
शनिवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन कंट्रोल रूम पहुंचे और यूएसडीएमए के एक्सपर्ट्स तथा नोडल अधिकारियों के साथ बारिश के चलते क्षतिग्रस्त सड़क, बिजली, पानी के साथ ही यात्रा मार्गों की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कंट्रोल रूम में तैनात सभी नोडल अधिकारियों को अपने-अपने विभागों से संबंधित सूचनाओं का समयबद्ध तरीके से आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को बंद ग्रामीण सड़कों को प्राथमिकता के साथ जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कें बंद होने से गांवों तक आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई काफी प्रभावित हो जाती है, लिहाजा इन्हें प्राथमिकता के आधार पर खोला जाना जरूरी है।
इस मौके पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ डीडी डालाकोटी, मनीष भगत, हेमंत बिष्ट, डॉ. पूजा राणा, रोहित कुमार, डॉ. वेदिका पंत, तंद्रीला सरकार, जेसिका टेरोन आदि मौजूद थे।
इन मानसून सत्र में घटित आपदाओं का करें अध्ययन: विनोद सुमन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने जिला आपदा प्रबंधन अधिकारियों को इस मानसून सीजन के दौरान घटित आपदाओं का विस्तृत अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विभिन्न एजेंसियों के स्तर से सराहनीय राहत और बचाव कार्य किए गए हैं, लेकिन जो कमियां रह गई हैं, उनका मूल्यांकन भी जरूरी है ताकि भविष्य के लिए अच्छी प्लानिंग की जा सके।
16 स्थानों की कंट्रोल रूम से मॉनीटरिंग
यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से केदारनाथ मंदिर के अलावा अब 15 और स्थानों की लाइव मॉनीटरिंग की जा रही है। यूएसडीएमए के सिस्टम एक्सपर्ट हेमंत बिष्ट ने बताया कि इनमें केदारनाथ मंदिर के पृष्ठभाग, भैरव पुल, रुद्रप्वाइंट, लिनचौली, भीमबली, जंगल चट्टी, शटल ब्रिज, मुनकटिया, गौरीकुंड, सोनप्रयाग आदि क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरों के जरिये सीधे यूएसडीएमए स्थित कंट्रोल रूम से इन क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है।
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