नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी में शुक्रवार को देर सायं प्रसव के दौरान नवजात शिशु की गर्भ में ही मौत हो गई है, वहीं प्रसव पीडि़ता की हालत में अब सुधार होना बताया जा रहा है।
मोरी विकासखण्ड के सुदूरवर्ती बड़ासु पट्टी के गंगाड़ गांव की 24 वर्षीय प्रियंका पत्नी प्यारेलाल को शुक्रवार सुबह गांव में प्रसव पीड़ा शुरू हुई, परिजनों ने काफी देर तक घर पर ही सामान्य प्रसव होने का इंतजार किया। महिला की हालत बिगडऩे पर जब अधिक बिगडऩी शुरू हुई तो ग्रामीणों ने डंडी-कंडी बनाकर कंधों में पैदल ही उठाकर महिला को 14 किमी दूर रोड तक तालुका पंहुचाने के बाद एम्बुलेन्स उपलब्ध न होने से निजी वाहन से लगभग 34 किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोरी लाया गया। जहां देर सांय आठ बजे चिकित्सकों ने प्रसव तो कराया पर, नवजात शिशु को नहीं बचा सके। शिशु की गर्भ में ही मौत हो गई।
महिला के पति प्यारे लाल ने बताया कि गंगाड़ अपने गांव से चलने से पहले रमेश लाल को तालुका भेज कर एम्बुलेंस को फोन करने को कहा गया था।
दूसरी ओर रमेश लाल का कहना है कि तालुका से एम्बुलेंस को फोन किया गया, किंतुं वहां से जवाब मिला कि एंबुलेंस देहरादून रिपेयर के लिए गई है।
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उल्लेखनीय है कि विकासखंड मोरी का सुदूरवर्ती बड़ासु पट्टी के चार गांव गंगाड, ओसला, ढाटमीर, पंवाणी क्षेत्र में मोटरमार्ग न होने के कारण प्रसवकाल में महिलाओं और बीमार व्यक्तियों और बुजुर्गो को गांवों से तालुका तक कई किमी तक पैदल चल कर आना पड़ता है। गंभीर बीमारियों व प्रसव के दौरान कईयों को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने से रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।
वहीं क्षेत्र के समाजसेवी दुर्गेश लाल का कहना है कि स्वास्थ्य, दूरसंचार, सड़कों आदि की खस्ताहाल व्यवस्थाओं के कारण आये दिन ऐसी घटनाएं होती ही रहती हैं, जो हमारे क्षेत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. फराज खान ने बताया कि शुक्रवार को देर सांय महिला को अस्पताल में लाया गया। रास्ते में अधिक रक्तस्राव होने से शिशु की मौत हो गई, जबकि महिला की हालत में अब सुधार है। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस खराब होने के कारण मरम्मत के लिए देहरादून भेजी गई है।