राज्य स्थापना दिवस पर दिग्गज पत्रकार सेमवाल ने कविता गाकर सरकार से पूछे थे अनेकों सवाल
प्रदेशभर में जबर्दस्त हिट हुई थी शिव प्रसाद सेमवाल की यह कविता
इसके बाद ब्लॉक कर दिया गया था पर्वतजन का फेसबुक पेज और रिमूव करवा दी गई यह कविता
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर 2019 की शाम को दिग्गज पत्रकार एवं पर्वतजन पोर्टल के संपादक शिवप्रसाद सेमवाल ने फेसबुक लाइव आकर ‘तिरदा जी सच-सच बतलाना’ नामक शीर्षक से एक व्यंग्यात्मक कविता पोस्ट की थी। यह कविता इतनी वायरल हुई कि इस कविता द्वारा असहज होने वाले लोगों द्वारा इसे रिमूव करवानी पड़ी। यही नहीं पर्वतजन का पेज ही ब्लॉक करवा दिया गया। इस कृत्य की पाठकों ने भी कड़ी आलोचना की।
सेमवाल ने अपनी इस व्यंग्यात्मक कविता के माध्यम से उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार से अनेकों सवाल पूछे थे कि प्रदेश की आम जनता को यह तो पता चलना ही चाहिए कि स्थापना दिवस पर जो जश्न मनाया जा रहा है, वह आखिर है किस चीज का? आप भी अवश्य सुनिए शिव प्रसाद सेमवाल की 9 नवंबर को प्रसारित यह जबर्दस्त कविता।
बहरहाल, सेमवाल द्वारा आम जनता की आवाज बनकर उठाए गए सवालों का जवाब न देकर उन्हें इस प्रकार 22 नवंबर की पूर्वाहन जबरन घर से उठाकर एक ऐसे मुकदमे में थाने ले जाने के बाद जेल भेज दिया जाना उत्तराखंडवासियों के लिए भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे पत्रकार जगत समेत उत्तराखंड की आम जनता भली-भांति महसूस कर चुकी है। जाहिर है कि आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार को इसका दूरगामी परिणाम भुगतना पड़ेगा।