रजतोत्सव : 24 बरस का हुआ उत्तराखंड, कम संसाधनों के बावजूद प्रदेश ने विकास के मोर्चे पर देशभर में बनाई अलग पहचान
शंभू नाथ गौतम
देवभूमि यानी उत्तराखंड ने राज्य के रूप में 24 साल पूरे कर लिए। इसी के साथ उत्तराखंड के गठन को लेकर “रजत उत्सव” की भी शुरुआत हो गई है। हर साल 9 नवंबर को उत्तराखंड अपना स्थापना दिवस मनाता है। उत्तराखंड के नागरिक राज्य स्थापना दिवस को पर्व की तरह मनाते हैं।
राज्य स्थापना दिवस उत्तराखंड की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर और संघर्षपूर्ण इतिहास का प्रतीक है। प्रदेश भर में यह दिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और आस्था का केंद्र माना जाता है। राजधानी देहरादून से लेकर सभी 13 जिलों में उत्तराखंड का राज्य स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया।
इस मौके पर नागरिकों ने एक दूसरे को बधाई दी। हर साल 9 नवंबर को उत्तराखंडवासी विभिन्न समारोहों और कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, और सामुदायिक समारोह शामिल होते हैं। इस प्रकार उत्तराखंड 25वें रजत जयंती समारोह में प्रवेश कर चुका है। राज्य स्थापना दिवस की 24वीं वर्षगांठ पर प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 24 वर्षों के कालखंड में तमाम उतार चढ़ाव का सामना करते हुए उत्तराखंड आज विकास की दौड़ में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
अर्थव्यवस्था का बढ़ता आकार राज्य की समृद्धि को बयां कर रहा है। उत्तराखंड राज्य लगातार विकास और आर्थिक मोर्चे पर मजबूत होता गया। उत्तराखंड राज्य ने पिछले 24 वर्षों में देश के अन्य राज्यों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कई सेक्टर में उत्तराखंड राज्य अन्य बड़े राज्यों से अग्रणी रहा है।
आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यटन और धार्मिक हर मोर्चे पर राज्य ने एक अलग मुकाम बनाया है। उत्तराखंड एक विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला हिमालयी राज्य है। इसके अलावा राज्य का 67 फीसदी क्षेत्र वनों से घिरा है। राज्य के पास बेहद कम संसाधन हैं। इन्हीं कम संसाधनों से राज्य ने बेहद कम समय में विकास किया है।
उत्तराखंड अलग राज्य की मांग को लेकर वर्षों तक चले आंदोलन के बाद 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड अलग राज्य बना। 2006 तक इसे उत्तरांचल कहा गया, इसके बाद जनवरी 2007 में इसका नाम उत्तराखंड कर दिया गया। उत्तराखंड कई प्राचीन धार्मिक स्थलों के साथ ही देश की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थल है।
राज्य स्थापना दिवस पर शनिवार को राजधानी देहरादून में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर राज्य वासियों को बधाई दी है। सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- समस्त प्रदेशवासियों को ‘देवभूमि रजत उत्सव’ के रूप में मनाए जा रहे उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इन 24 वर्षों में प्रदेश ने प्रगति के नए आयाम स्थापित करते हुए विशेष पहचान बनाई है। हमारी डबल इंजन सरकार के प्रयासों और आप सभी प्रदेशवासियों के सहयोग का ही परिणाम है कि आज उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। विशेषकर, राज्य के युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं।बता दें कि उत्तराखंड जितना भारतीयों को पसंद आता है, उतना ही विदेशियों को भी पसंद आता है। उत्तराखंड को अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में ख्याति मिली है। यही कारण है कि साल दर साल उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।
उत्तराखंड में अनेक धार्मिक स्थल और तीर्थ केंद्र स्थित हैं जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश आदि हैं। हर साल चार धाम यात्रा करने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। चार धाम यात्रा राज्य सरकार की सबसे बड़ी राजस्व स्रोत मानी जाती है। अगले महीने दिसंबर में देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे भी शुरू होने जा रहा है। जिसके बाद देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र ढाई घंटे का रह जाएगा।
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सीएम धामी ने कहा- आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित देवभूमि रजत उत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम धामी ने कहा कि हमारे राज्य आंदोलनकारियों द्वारा राज्य निर्माण के लिए किए गए संघर्षों के परिणामस्वरूप ही उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ।
मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस अवसर पर स्मरण किया जिन्होंने उत्तराखंड राज्य की नींव रखी। कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ धाम का भव्य व दिव्य पुनर्निर्माण, बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान के अनुरूप विकास, चार धाम आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट, गौरीकुंड-केदारनाथ व गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे, मानसखंड मंदिर माला मिशन, जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकसित करने समेत अन्य कई योजनाओं का जिक्र करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताया।
उन्होंने कहा कि राज्य में आधिकाधिक निवेश को आकर्षित करने केा सरकार ने निवेश के अनुकूल वातावरण बनाया है। पहाड़ में पर्यटन, आयुष, वेलनेस, आइटी, सौर ऊर्जा, सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। वोकल फार लोकल के लिए एक जिला, दो उत्पाद के जरिये आजीविका के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं। नई सौर ऊर्जा नीति लाई गई है। पीएम सूर्यघर योजना के आयोजनों के निस्तारण में उत्तराखंड सबसे आगे है। वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम से सीमावर्ती गांव विकसित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे कठोर नकलरोधी कानून लागू कर उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया गया है। तीन वर्ष में 18,500 भर्तियां की जा चुकी हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश को प्रभावी कदम उठाए गए हैं। पारदर्शी व्यवस्था से सुशासन की परिकल्पना साकार हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति के सम्मान को सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में वृद्धि के साथ ही उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया है। देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए राज्य में जबरन मतांतरण के विरुद्ध कठोर कानून लाया गया है। राज्य में दंगा करने वालों से ही पूरे नुकसान की भरपाई का कानून लागू किया गया है। सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने को निरंतर अभियान चल रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे इन अभूतपूर्व कार्यों, निर्णयों एवं प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। हमारे प्रदेश को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। एक वर्ष के भीतर बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज से प्रारंभ होने जा रहा राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दृष्टि से ऐतिहासिक वर्ष साबित होने जा रहा है। सरकार उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प के मूल मंत्र के साथ निरंतर कार्य करती रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष के उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार से सम्मानित भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, लोक गायक प्रीतम भरतवाण, समाज सुधाकर एवं आध्यात्मिक गुरु माता मंगला, अभिनेता हेमंत पांडेय और डॉ. महेश कुड़ियाल को पुरस्कार के लिए शुभकामनाएं दी।
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