मुंबई।
कहते हैं प्रतिभा कभी किसी परिचय की मोहताज नहीं होती। इस बात को सही साबित किया बठिंडा के सनी हिंदुस्तानी ने।
जी हां! जो युवक कुछ समय पहले तक जूतों पर पॉलिश किया करता था, वह इतने कम समय में ही बुलंदियां छू लेगा, यह किसी सपने को साकार करने जैसा है।
सनी हिंदुस्तानी के पिताजी शादी समारोह में गाना गाते थे और जूते पॉलिश करते थे। जम्मू में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान वह असमय काल कलवित हो गए। वहां वह सैनिकों के जूते पॉलिश करने जाते थे। सनी हिंदुस्तानी की दादी भीख मांग कर गुजारा करती थी, जबकि उनकी मां गलियों में गुब्बारे बेचकर जीवनयापन के लिए मेहनत करती थी। यही नहीं सनी की बहन भी शादियों में मांगती है।
लेकिन जिसको अपनी प्रतिभा का अंदाजा हो, वह पत्थर कभी भी हीरा बन कर हीरा बनकर निखर सकता है यही बात सनी के साथ भी हुई। वह मुंबई में इंडियन आईडल के ग्यारहवें सीजन में शामिल हुए और इसके विजेता बन गए। उन्हें 25 लाख के चेक, टाटा अल्टरोज कार और टी सीरीज की आगामी फिल्म में गाने का अनुबंध प्राप्त हुआ। फाइनल में सनी ने अपने चार प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया।
सनी हिंदुस्तानी की प्रतिभा आज पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है। सनी की इस प्रतिभा पर पूरे हिंदुस्तानियों को नाज है।