मूल निवास और भू-कानून के लिए बनी समितियों की रिपोर्ट हो सार्वजनिक
- समन्वय संघर्ष समिति ने भेजा मुख्य सचिव को पत्र
- गैरसैंण में सचिवालय का किया जाय निर्माण
देहरादून/मुख्यधारा
मूल-निवास, भू-कानून के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट जनता के सामने प्रस्तुत करने एवं गैरसैंण में सचिवालय बनाने की मांग को लेकर मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को पत्र भेजा है।
मुख्य सचिव को भेजे पत्र में संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि लंबे समय से उत्तराखंड की जनता उत्तराखंड में मूल-निवास 1950 और सशक्त भू-कानून लागू करने और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रही है। इन मुद्दों को लेकर संघर्ष समिति की अगुवाई में जनता आंदोलनरत हैं। इसी संदर्भ में राज्य के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी ने भू-क़ानून के लिए दो वर्ष पूर्व एक कमेटी बनाई थी, लेकिन उसने आजतक कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सशक्त भू-क़ानून और मूल निवास 1950 पर एक और कमेटी आपके नेतृत्व 6 माह पूर्व बनाई है, उसकी भी कोई जानकारी आजतक जनता को उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
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मोहित डिमरी ने कहा कि गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी (ग्रीष्मकालीन) घोषित किया गया है, लेकिन उत्तराखंड देश का इकलौता ऐसा राज्य है, जिसकी राजधानी में कोई सचिवालय नहीं है। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाना उत्तराखंड की जनभावना है और सरकार ने उसके साथ भद्दा मजाक किया है। बिना सचिवालय के ना तो गैरसैंण में सुचारू रूप से विधानसभा सत्र होता है ना ही कोई सचिव या अधिकारी गैरसैंण जाता है। जब गैरसैंण में विधानसभा भवन है तो वहां सचिवालय भी होना चाहिए। नहीं तो राजधानी और विधानसभा भवन का कोई औचित्य नहीं रहता है।
उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध करते हुए कहा कि जनभावनाओं को देखते हुए इन मुख्य मांगों से सरकार को अवगत कराएं। हमारी मांग है कि आगामी विधानसभा सत्र में उत्तराखंड सरकार सशक्त भू-क़ानून और मूल निवास 1950 कमेटी की रिपोर्ट आगामी विधानसभा सत्र में सदन के पटल पर रखे।
उत्तराखंड सरकार सशक्त भू-क़ानून और मूल निवास 1950 पर आगामी विधानसभा सत्र में सदन में चर्चा करे और प्रस्ताव लेकर आये। सरकार गैरसैंण में अविलंब सचिवालय का निर्माण करे और आगामी विधानसभा सत्र में गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने का प्रस्ताव लेकर आए।