Tulsi and Shaligram marriage : सुख समृद्धि के लिए किया जाता है तुलसी व शालिग्राम विवाह पूजन : वृक्षमित्र डॉ. सोनी
देहरादून/मुख्यधारा
Tulsi and Shaligram marriage – रायपुर अपर नेहरूग्राम डांडी में पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी की उपस्थिति में बड़े धूमधाम से तुलसी विवाह पूजन व ईगास बग्वाल मनाई गई। सबसे पहले तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाया गया। ततपश्चात विष्णु जी के स्वरूप शालिग्राम से तुलसी पौधे का विवाह कराया गया।
वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं कि तुलसी का पौधा पीपल के पेड़ के जैसा ऑक्सीजन देना वाला पौधा है। इसकी जानकारी हमारे पूर्वजों को भली-भांति थी। इस पौधे के संरक्षण के लिए उन्होंने इसे देव पूजन से जोड़ा है। कहा जाता है कि जिस स्थान पर वृंदा भस्म हुई थी, उस स्थान पर एक पौधा उगा। जिसे विष्णु भगवान ने तुलसी नाम दिया।
यह भी कहा जाता है कि उनके स्वरूप शालिग्राम का विवाह तुलसी के साथ कर पूजा की जाए। उस दिन से तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है।
शिवानी राणा कहती हैं कि तुलसी के पौधे को हम माता का स्वरूप मानते हैं। इस दिन तुलसी के पौधे को सिंदूर, सुहाग की चूड़ी, वरमाला, चकोतरा, गन्ना, बॉस की टहनी, फूल मालाओं, पूरी, पकोड़े, फल आदि का चढ़ावा किया जाता है। जिस तरह दुल्हन को सजाया जाता है, वैसे ही तुलसी के पौधे को सजाकर पूजा-अर्चना के साथ शालिग्राम के साथ विवाह कर सुख समृद्धि की कामना की जाती है।
तुलसी पूजन में उषा राणा, उपासना थापा, जोत्सेना थापा, वैष्णवी थापा, चेस्टा थापा, सुधीर राणा, राजेन्द्र सिंह राणा, सुधीर थापा, अनिता गुरुंग, सरिता सेन, गिरिशा राणा, ममता देवी, भवेश राणा, सिद्धार्थ राणा, अमित थापा, मनीष थापा, श्याम थापा, मनीष कुमार, अनिल टम्टा, सुंदर लाल आदि उपस्थित थे।