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ये रहे कैबिनेट के महत्वपूर्ण बिंदु

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ये रहे कैबिनेट के महत्वपूर्ण बिंदु

बुधवार को उत्तराखंड सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैसला लिया गया है।
जानकारी के अनुसार जिन शिक्षा आचार्यों ने वर्ष 2019 तक टीईटी क्लीयर कर लिया है, उन्हें नियमित नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में सचिवालय के डीएमएमसी कर्मचारियों को विलय कर दिया गया है।
इसके अलावा स्टोन क्रेशर के लिए भी नीति को मंजूरी दे दी गई है। 5 साल के सापेक्ष अब स्टोन क्रेशर को 10 वर्षों के दिया जा सकेगा। साथ ही इसका शुल्क पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया गया है।
प्रदेश के बड़े जिलों में एक कम्युनिटी रेडियो स्टेशन, जबकि छोटे जिले में एक कम्युनिटी रेडिया स्थापित किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक में स्टार्टअप नीति में संशोधन करने के साथ ही प्रोत्साहन भत्ता 10 से बढ़ाकर 15 लाख करने का फैसला लिया गया है। इसके अतिरिक्त कर्मचारी राज्य योजना में सहायक वित्त अधिकारी का पदनाम बदलकर उसकी जगह सहायक लेखाधिकारी कर दिया गया है।
इसके अलावा इस कैबिनेट बैठक का महत्वपूर्ण बिंदु यह रहा कि किसी भी स्टार्टअप को सबसे पहले उत्तराखंड में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। अगर यहां रजिस्टर्ड हो गया तो स्टार्टअप का 50 फीसदी रोजगार उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं को दिया जाएगा।

कैबिनेट के फैसले एक नजर में

राज्याधीन विश्वविद्यालयों में कुलसचिव, उप कुलसचिव एवं सहायक कुलसचिव पदों के लिए एकरूपता लाते हुए केंद्रीय कैडर बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालयों को इस व्यवस्था के अनुसार अपने एक्ट में संशोधन करना होगा।
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील भवनों की घातकता के आंकलन हेतु तंत्र विकसित करने के लिए 62 पदों के सृजन एवं 3.73 करोड़ की धनराशि के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। तत्पश्चात संवेदनशील स्कूल, चिकित्सालय, पुलिस थाना आदि सरकारी भवनों के उपचार मरम्मत आदि के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम को स्वीकृति दी गई है। इसके लिए 150 करोड़ का प्रावधान होगा, जिसमें 100 करोड़ से भवनों की रिट्रोफिटिंग होगी। राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र के नियमित एवं संविदा में कार्यरत सभी कार्मिकों का राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में विलय कर दिया गया है।
भारतीय वन अधिनयम में संशोधन हेतु मंत्री हरक सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन।
उपनल कार्मिकों के यात्रा भत्ते पर अब सर्विस चार्ज की जगह जीएसटी लगेगा।
वैट/बिक्रीकर पर सैस के लिए नए लेखा कोड को मंजूरी।
सामुदायिक रेडियो स्टेशन के लिए नई नीति। अब 10 लाख अनुदान और 2 लाख रुपए सालाना संचालन के लिए मिलेगा।
कामगार यूनियन के लिए कुल कार्मिकों का 30 प्रतिशत या 100 सदस्यों की अनिवार्यता।
बायलर अधिनयम में संशोधन कर सहायक निदेशक (बायलर) के एक पद से बढ़ाकर पांच पद किए गए।
श्रम विभाग के अंतर्गत ठेकेदारी में अब संविदा श्रम अधिनयम से 20 के बजाय 50 श्रमिकों को मिलेगी छूट।
आयुष चिकित्सकों को 4 जनवरी 2017 से देय होगा एनपीए।
स्टार्टअप नीति के तहत उद्योगों को 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय बेरोजगारों को देने होंगे।
चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड का चार साल का प्रतिवेदन विधानसभा में पेश करने की मंजूरी।
मंडी विकास निधि का 10 प्रतिशत धनराशि पर्वतीय क्षेत्र में कृषि गतिविधियों के प्रोत्साहन व विकास के लिए परिक्रमी निधि में जमा करना होगा।
जैविक कृषि विधेयक को सदन में रखने को मंजूरी। इसके अंतर्गत जैविक घोषित विकासखण्डों में रासायनिक खाद, सिंथेटिक उर्वरक एवं कीटनाशक बेचने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। उल्लंघन पर जुर्माना व सजा का प्रावधान भी होगा।
नर्सरी विधेयक को विधानसभा में पेश करने के लिए मंजूरी मिली। पारित हो जाने पर नर्सरी संचालक को पौध के संबंध में गारंटी देनी होगी। इसके लिए निरीक्षण व जांच का भी प्रावधान है।
सुरक्षित भवन तकनीक के अंतर्गत राजमिस्त्री का मानदेय 350 ये बढ़ाकर 500 रुपए किया गया।
‘होम स्टे’ योजना के अंतर्गत ऋण लेने पर बंधक संपत्ति के मामले में 50 लाख तक 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क को पर्यटन विभाग उद्यमी को लौटाएगा।
कारखाना अधिनयम में संशोधन कर पंजीकरण शुल्क पर कलैंडर वर्ष 10 प्रतिशत वृद्धि पर राहत देते हुए 5 वर्ष तक नहीं बढ़ाने का निर्णय। साथ ही पांच वर्ष में केवल 5 फीसदी वृद्धि का फैसला। हर 25 श्रमिकों पर पुरुष व महिलाओं के लिए अतिरिक्त प्रसाधन सुविधा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए प्रतिनियुक्ति। संविदा पर 64 पदों को सृजन।
प्रधनमंत्री आवास योजना के तहत कृषि भूमि के उपयोग परिवर्तन के संबंध में नियमावली बनाने की मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित।
पट्टे पर 30 वर्ष के लिए जमीन देने के लिए व्यवस्था तय। कृषि, बागवानी, जड़ी-बूटी, पशु एवं मौन पालन, पशु प्रजनन केन्द्र, प्रसंस्करण, वैकल्पिक ऊर्जा संयंत्र आदि के लिए मिलेगी पट्टे पर भूमि।
बिस्कुट उत्पादन इकाईयों के लिए अब नूडल व पाश्ता भी जोड़ा जाएगा।

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