देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारियों को अगले डेढ़ साल तक बिना डीए के ही चलाना पड़ेगा। राज्य कार्मिकों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत पर कटौती करते हुए आगामी 18 महीनों तक बढ़ी दरों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। इस फैसले से राज्य में लगभग ढाई लाख कार्मिक प्रभावित होंगे। भारत सरकार का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने भी शुक्रवार को एक जनवरी 2020 से एक जुलाई 2021 तक बढऩे वाले डीए को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
शुक्रवार को वित्त विभाग के सचिव अमित ने इस संबंध में जारी आदेश में कहा है कि कोविड-19 संकट को देखते हुए उत्त निर्णय लिया गया है। निर्णय के अनुसार राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरित्त किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा।
यही नहीं एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 को देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत से भी कर्मचारियों और पेंशनर्स को वंचित रहना पड़ेगा। इस प्रकार 18 माह के अंतर्गत डीए में होने वाली वृद्धि का लाभ कर्मचारियों और पेंशनर्स को नहीं मिल पाएगा, हालांकि डीए और महंगाई राहत की मौजूदा दर 17 प्रतिशत पर अग्रिम आदेशों तक भुगतान होता रहेगा।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि सरकार द्वारा एक जुलाई 2021 से देय डीए की भावी किस्तों को जारी करने का निर्णय लिया जाता है तो एक जनवरी 2020 , एक जुलाई 2020 और एक जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों को भावी प्रभाव से लागू कर दिया जाएगा और उन्हें एक जुलाई 2021 से प्रभावी संचयी संशोधित दर में सम्मिलित कर लिया जाएगा। एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की वृद्धि का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।