प्रति व्यक्ति आय में 16418 करोड़ का इजाफा। कृषि और खनन में निम्न वृद्धि दर
भगीरथ शर्मा
गैरसैंण। तमाम दावों और उपायों के बावजूद प्रदेश की विकास दर में लगभग 0.97 प्रतिशत की गिरवाट दर्ज हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार प्रति व्यक्ति आय में जहां 16418 रुपए की वृद्धि का अनुमान है, वहीं कृषि, खनन एवं उत्खनन मे निम्न वृद्धि दर आंकी गई है।
गैरसैंण में बजट सत्र में सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18 में राज्य की विकास दर 7.84 फीसदी थी, जो वर्ष 2018-19 में मात्रा 6.87 प्रतिशत आंकी गई है। इस प्रकार आर्थिक विकास दर में 0.97 प्रतिशत की गिरावट आयी है। इसके विपरीत प्रति व्यक्ति आय में 16418 रुपए की वृद्धि दर्शाई गई है।
वर्ष 2017-18 में प्रति व्यक्ति आय 182320 लाख थी, जो 2018-19 में बढ़कर 198738 लाख होने का दावा किया गया है। सर्वेक्षण के अनुसार मंदी का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर नहीं पड़ता दिखाई दे रहा है। 2017-18 में प्रचलित भावों पर जीडीपी 222836 करोड़ था, जो 2018-19 में 24895 करोड़ होने का अनुमान है। इस प्रकार जीडीपी में 23059 करोड़ की वृद्धि होगी। स्थिर भावों पर जीडीपी में 6.87 प्रतिशत वृद्धि का आंकलन किया गया है। स्थित भावों के अनुसार 2017-18 में जीडीपी 18044 करोड़ रहा, जिसके 2018-19 में 193273 करोड़ होने का दावा किया गया है।
2018-19 में जीडीपी की वृद्धि का विश्लेषण करने पर स्पष्ट हुआ कि व्यापार, होटल एवं जलपान गृह में 11.3 प्रतिशत, बिजली, गैस, पानी और अन्य उपयोगी सेवाओं में 10.27 प्रतिशत, परिवहन, भंडारण, संचार एवं प्रसारण सेवाओं में 7.87 प्रतिशत के साथ उच्च वृद्धि दर तथा कृषि में 0.81 प्रतिशत, वित्तीय क्षेत्र में 0.26 प्रतिशत तथा खनन व उत्खनन में 0.82 प्रतिशत की निम्न वृद्धि दर आंकी गई है।
वर्ष 2019-20 में कुल राजस्व प्राप्तियां 38955 करोड़ अनुमानित है, जबकि 2018-19 में यह 34753 करोड़ थी। वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा 2.23 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो 2017-18 की तुलना में 1.22 अंक कम है। जीएसटी में 16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। स्टांप एवं पंजीयन और आबकारी राजस्व में भी वृद्धि का अनुमान है। हालांकि राजकोषीय घाटे में कमी तथा राजस्व में वृद्धि के आंकड़े आने के बावजूद राज्य की कर्ज पर निर्भरता बनी हुई है।
पिछले कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए भी बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है। इससे यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि गैर जरूरी खर्चों पर रोक नहीं लग पा रही है। राज्य में मुद्रा स्फीति की दर 2019 के अप्रैल में स्थिर रही तथा सितंबर तक वृद्धि दर्ज होती रही। नवंबर 2019 में मुद्रा स्फीति में वृद्धि हुई, जो दिसंबर तक लगातार बढ़ती रही। राज्य की मुद्रा स्फीति की दर जनवरी से दिसंबर 2019 तक सभी माहों में राष्ट्रीय दर से अधिक रही।
वन स्थित रिपोर्ट बताती है कि 2019 में उत्तराखंड के जंगलों में कुल कार्बन डाई आक्साइड अवशोषण 1360 मिलियन टन है, जिसमें अवशोषित कार्बन स्टॉक 370.91 मिलियन टन है। यह देश के सकल वन क्षेत्र में कार्बन स्टॉक का 5.21 प्रतिशत है।