वन पंचायतों का जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन में है महत्वपूर्ण भूमिका होती: बंसल
नैनीताल। जिलाधिकारी सविन बंसल का मानना है कि वनों व वन पंचायतों का जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। देशभर में उत्तराखंड में ही वन पंचायतों की व्यवस्था है। इसलिए जिलाधिकारी ने जनपद की वन पंचायतों को सुदृढ़ करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिन वन पंचायतों में सरपंच का चुनाव नहीं हुआ है, उनमें आगामी 31 जनवरी तक चुनाव कराना सुनिश्चित करें।
विगत दिनों कलेक्ट्रेट सभागार में श्री बंसल ने वन पंचायतों के सुदृढ़ीकीरण सम्बन्धित बैठक ली।
गौरतलब है कि जब बंसल ने नैनीताल जनपद में योगदान दिया था तब 485 वन पंचायतों मे से मात्र 70 वन पंचायतों में वन पंचायत सरपंच चुने गये थे। विगत जुलाई से श्री बंसल ने सक्रिय होकर अब तक 462 वन पंचायतों में वन सरपंच का चुनाव करवा कर वन पंचायतो को सक्रिय किया, अब जनपद में मात्र 23 वन पंचायतो मे चुनाव अवशेष है। जिलाधिकारी ने 23 वन पंचायतो में 31 जनवरी तक वन सरपंचो का चुनाव कराने के निर्देश दिये, साथ ही उन्होनेे उपजिलाधिकारी व प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देश दिये कि वे क्षेत्रीय व जिलास्तरीय वन समितियों का भी गठन शीघ्र करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायती वनों का संरक्षण एवं संवर्धन खुद वन पंचायतें करती हैं। इसलिए वन सरपंचों को अपने कार्यों एवं दायित्वों के साथ ही वित्तीय अधिकारों का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन सरपंचों को उनके कार्यों, दायित्वों एवं वित्तीय प्रबन्धन का बोध कराने के लिए एक वृहद्ध सम्मेलन माह फरवरी के प्रथम सप्ताह में कराने के निर्देश प्रभागीय वनाधिकारी व उप जिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में वन पंचायतों के सुंदृढ़ीकरण के संबंध में महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की जायेगी तथा महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर आवश्यकतानुसार निर्णय भी लिए जाएंगे। श्री बंसल ने कहा कि यह सम्मेलन वन पंचायतों को सशक्त किए जाने हेतु बेहतर प्रयास होगा।
बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी टीआर बीजुलाल, प्रभागीय वनाधिकारी भूमि संरक्षण दिनकर तिवारी, उप जिलाधिकारी गौरव चटवाल आदि उपस्थित थे।