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विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) : पृथ्वी को ऑक्सीजन देने में महासागर निभाते हैं महत्वपूर्ण भूमिका

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विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) : पृथ्वी को ऑक्सीजन देने में महासागर निभाते हैं महत्वपूर्ण भूमिका

समुद्र की सुंदरता बचाए रखने के लिए मनाया जाता है यह दिवस

मुख्यधारा डेस्क

हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। भोजन और दवाओं के प्रमुख स्त्रोत तथा जीवमंडल का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हैं महासागर, इसलिए इनका संरक्षण बेहद जरूरी है।

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इस दिवस को मनाने का मुख्य मानव जीवन में महासागरों की महत्वपूर्ण भूमिका और इनके संरक्षण के लिए दुनियाभर के लोगों को जागरुक करना है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि पृथ्वी की सतह का लगभग 70 फीसदी हिस्से पर महासागर है।

समुद्रों को पृथ्वी के फेफड़े के रूप में जाना जाता है और यह कि वे दुनिया भर के लोगों के लिए भोजन और पोषण का एक प्रमुख स्रोत भी हैं। महासागरों का धरती की सतह पर ऊष्मा के चक्र का संतुलन बनाकर रखने में बड़ी भूमिका है।

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सामान्य तौर पर धरती से मानवजनित और अन्य चीजों से उत्सर्जित होने वाली ऊष्मा वायुमंडल में पहुंच जाती है जिसकी वजह से वायुमंडल गर्म होना शुरू हो जाता है, लेकिन काफी ऊष्मा को महासागर में अपने अंदर ले लेता है। इससे वायुमंडल और धरती पर ऊष्मा के दबाव में कमी आ जती है।

इसके साथ ही महासागर की धरती के पर्यावरण की कई अहम प्रक्रियाएं और पारिस्थितिकी तंत्रों को संतुलित रखने में बड़ी भूमिका है। इस दिन को हर साल एक थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल विश्व महासागर दिवस की थीम (ग्रह महासागर ज्वार चुनौतीपूर्ण हैं) रखी गई है, ताकि महासागरों को प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि विकास के लिए समुद्र या महासागर जरूरी हैं।

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साल 1992 में विश्व महासागर दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत

बता दें कि साल 1992 में रियो डी जेनेरियो में हुए ‘पृथ्वी ग्रह’ नामक फोरम में हर साल विश्व महासागर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। तब कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर ओशन डेवलपमेंट तथा ओशन इंस्टीट्यूट ऑफ कनाडा द्वारा पृथ्वी शिखर सम्मेलन में इसकी अवधारणा का प्रस्ताव रखा गया था। जिसका मकसद लोगों को महासागरों पर मानवीय क्रियाकलापों के प्रभावों को सूचित करना, महासागर के लिए नागरिकों का एक विश्वव्यापी आंदोलन विकसित करना और देशभर के महासागरों के स्थायी प्रबंधन के लिए एक परियोजन पर वैश्विक आबादी को एकजुट करना था।

साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस अवलोकन को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई, जिसके बाद यह दिवस ‘द ओशन प्रोजेक्ट’ तथा ‘वर्ल्ड ओशन नेटवर्क’ के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 8 जून को मनाया जाने लगा।

जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन, जलवायु परिवर्तन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रकाश डालना और महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में दुनिया में जागरूकता पैदा करना ही इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य है।

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दरअसल पृथ्वी और हमारे जीवन में समुद्रों का बहुत अहम स्थान है, लेकिन फिर भी हम इसके संरक्षण पर कोई भी खास ध्यान नहीं देते हैं। संरक्षण के बजाय हम इसे दूषित करने में लगे हुए हैं। जिस वजह से दुनियाभर के महासागर बढ़ते मानवीय क्रियाकलापों के कारण बुरी तरह प्रदूषित हो रहे हैं।

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