आपातकाल के बंदियों को सम्मान से नवाजे जाने के लिए पीएम मोदी को चिठ्ठी लिखी गई है।
चिठ्ठी इस प्रकार से है- आदरणीय प्रधानमंत्री जी , आपको विदित ही कि २५ जून १९७५ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी ने सत्ता में बने रहने के लिये लाखों लोगों को जेल में डाल था, १९७७ से लेकर २००५ तक किसी भी गैरकांग्रेसी सरकार ने आपातकाल बंदियों की कोई सुध नहीं ली सन २००६ में सर्वप्रथम उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायमसिंहयादव ने पहला कदम उठाया और उन्होंने आपातकाल के बंदियों को सम्मान दिया अफसोस कि बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी की तमाम सरकारों ने इस मामले पूर्णतया उदासीनता बरती पूरे देश मे ही आपातकाल के बन्दी उपेक्षित रहे उन्हें कभी हमारी पार्टी ने चुनाव लड़ने का भी अवसर नहीं दिया और दूसरी पार्टियों के कार्यकर्ताओं पर बहरोड़ कर उन्हें ही टिकट देते रहें , खैर हमने उपेक्षा सही बुरे दिन देखे अब तो हम आपातकाल बंदियों को कोई जानता नहीं इसलिये टिकट मांगना भी फज़ूल से लगता है । हम अब इतना चाहतें हैं केंद्र सरकार आपातकाल के बंदियों को सम्मान से नवाजे और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी घोषित किया जाए ।आने वाले १५ अगस्त को जब आप लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को छठी बार सम्बोधित करेंगे तो इस मामले में आप कोई सम्मानजनक घोषणा आपातकाल बंदियों के लिये करेंगे ऐसी हमारी आशा है ।
सादर सुभाष छाबड़ा एडवोकेट लोकतन्त्र सेनानी उत्तरप्रदेश