देहरादून की सड़कों पर, हजारों की संख्या में निकली हिन्दुओं की आक्रोश रैली
- दूनवासियों की यह प्रखर आवाज बांग्लादेश में पीड़ित हिन्दुओं का संबल बनेगी – 108 महंत कृष्णगिरि महाराज (टपकेश्वर मंदिर)
- ‘कल नहीं कुछ हल बचेगा, आज जगे तो कल बचेगा’
- बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार बंद हो
देहरादून/मुख्यधारा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में देहरादून की सड़कां पर, हजारों की संख्या में हिंदुओं की आक्रोश रैली। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के दौरान योजनाबद्ध तरीके से हिंदू नरसंहार किए जाने से आक्रोशित, हिंदू धर्म के विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया। गांधी मैदान से कचहरी तक निकाली गई इस आक्रोश रैली में 300 से अधिक संगठनों ने हिस्सा लिया। आज सुबह से ही गांधी पार्क मैदान में भगवा और तिरंगा ध्वज लिए व हिन्दू-हिन्दू भाई-भाई, बांग्लादेशी हिन्दुओं पर अत्याचार बंद हो, ऐसे हस्तलिखित बैनर लेकर हजारों की संख्या में लोग जुटने लगे, हिंदू-हिंदू भाई-भाई के जयघोष कर रहे युवाओं में बांग्लादेश सरकार के खिलाफ गुस्सा झलक रहा था।
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बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के दौरान जिस तरह से सैकड़ो हिंदुआ की हत्याएं करते हुए उनकी संपत्ति लूट ली और महिलाओ बहन बेटियों के साथ दुराचार किया गया, उसे देखकर आज देहरादून के लोगो में आक्रोश उभर आया। संत समाज के नेतृत्व में रैली गांधी पार्क राजपुर से शुरू होकर घंटाघर, पलटन बाजार, राजा रोड से होते हुए कचहरी परिसर में संपन्न हुई। रैली में लगभग तीन सौ संगठनों से जुड़े हिंदुओं ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया। श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर श्री चैतन्य गोड़ी मठ श्री पृथ्वी नाथ मंदिर अखिल ब्राह्मण महा सभा अखिल गढ़वाल सभा, श्री गुरु सिंह सभा, समस्त वैश्य महासंघ, अधिवक्ता परिषद, समस्त व्यापार मंडल, केमिस्ट एसोसिएशन, बजरंग दल, पंजाबी महासभा, वीर सावरकर संगठन, गोरखाली सुधार सभा, वैदिक मिशन, विश्व हिंदू परिषद अखिल भारतीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा सहित अनेकों संगठनों ने आक्रोश रैली के सम्मिलित होकर, जिसमें हजारों की संख्या में शहर के कोने-कोने से मंदिर, गुरुद्वारों व कीर्तन मंडली, सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया व जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के नाम पर लिखा ज्ञापन सौंपा गया और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दिए जाने की मांग की।
इस दौरान देहरादून के व्यापार मंडल के आह्वान पर सभी दुकानदारों ने रैली के समर्थन में दुकानें स्वेच्छा से बंद रखी और व्यापारी समाज ने अपने बैनर लिए आक्रोश रैली में हिस्सेदारी दिखाई। कई वर्षों के बाद देहरादून में हिंदू समाज ने एक जुटता का परिचय देते हुए सड़कों पर आकर बांग्लादेश में हुए हिंदू अत्याचारों पर अपनी भावनाओं को प्रकट किया। खास बात ये थी इस आक्रोश रैली में हिंदू संगठनों के साथ साथ सामाजिक संगठनों ने राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर अपनी एक जुटता का परिचय दिया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए देहरादून में विभिन्न संगठनों द्वारा बैठकों का आयोजन किया गया था।
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