- पहाड़ का जनजीवन : जान हथेली पर रखकर सुपिन नदी (Supin river) पार करने को मजबूर मोरी ब्लाक के लिवाड़ी के ग्रामीण
नीरज उत्तराखंडी/मोरी
मोरी ब्लाक के गोविन्द वन्य जीव विहार के अंतर्गत सीमांत गांव लिवाड़ी के ग्रामीण जान हथेली पर रखकर सुपिन नदी (Supin river) पार करने को मजबूर हैं, जहां पुल की स्थाई व्यवस्था न होने के कारण जुगाड़ के सहारे नदी को आर पार किया जा रहा है। यहां ग्रामीणों की काफी मांग के बावजूद जिम्मेदार विभाग नहीं जागा तो ग्रामीणों ने स्वयं के प्रयास से पेड़ों की बल्लियों से पुलिया बनाकर आवाजाही का अस्थाई जुगाड़ बना डाला।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद सिंह रावत ने मुख्यधारा को जानकारी देते हुए बताया कि सुपिन नदी पर स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा स्वयं के प्रयास से आने-जाने व अन्य खाद्य सामग्री के गांव पहुंचाने की व्यवस्था के लिए लकड़ी के पुल का निर्माण किया गया है। इस संदर्भ में वन क्षेत्राधिकारी सुपिन रेंज को सूचना दी गई, किंतु उनके द्वारा उक्त पुल के वैकल्पिक साधन से पुल का निर्माण नहीं कराया गया, जो कि खेदजनक है। जिससे आक्रोशित होकर ग्रामवासियों द्वारा पुल का वैकल्पिक साधन तैयार किया गया है।
इस संबंध में विभाग का पक्ष जानने के लिए जब सुपिन रेंज के वन क्षेत्राधिकारी गौरव अग्रवाल से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। उनसे संपर्क होने पर विभाग का पक्ष अपडेट कर दिया जाएगा।