government_banner_ad श्री बदरीनाथ धाम श्री केदारनाथ धाम सहित सभी मंदिरों में भोग प्रसाद (Bhog Prasad) व्यवस्था की शुद्धता एवं गरिमा बनी रहेगी पूर्ववत - Mukhyadhara

श्री बदरीनाथ धाम श्री केदारनाथ धाम सहित सभी मंदिरों में भोग प्रसाद (Bhog Prasad) व्यवस्था की शुद्धता एवं गरिमा बनी रहेगी पूर्ववत

admin
IMG 20240923 WA0070
  • श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति की पहल
  • श्री बदरीनाथ धाम श्री केदारनाथ धाम सहित सभी मंदिरों में भोग प्रसाद (Bhog Prasad) व्यवस्था की शुद्धता एवं गरिमा बनी रहेगी पूर्ववत

देहरादून/मुख्यधारा

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ धाम सहित सभी अधीनस्थ मंदिरों की भोग- प्रसाद (Bhog Prasad) व्यवस्था की शुद्धता तथा गरिमा बनी रहे, इसके लिए समय-समय पर मंदिरों में लगने वाले भोग एवं प्रसाद की गुणवत्ता पर सतर्क नजर रखी जायेगी। इस संदर्भ में आज सोमवार को कैनॉल रोड कार्यालय में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में हुई बैठक में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों तथा मंदिर समिति अधिकारियों के साथ बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में धामों तथा मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता व प्रयोग में लायी जाने वाली खाद्य सामग्री की गुणवत्ता, रख-रखाव, क्रय-विक्रय सहित भण्डारण के सम्बन्ध में चर्चा की गयी।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने
अवगत कराया कि श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ धाम हेतु मन्दिर समिति द्वारा प्रसाद में सूखे पदार्थों का उपयोग किया जाता है। भगवान के भोग की सामग्री अधिकांशतः दानी दाताओं से प्राप्त की जाती है। दानी दाताओं से अनुरोध किया जाता है कि भगवान के भोग हेतु उच्च गुणवत्ता की खाद्य सामग्री दान करें।

उपायुक्त खाद्य संरक्षा तथा औषधि प्रशासन जीसी कंडवाल ने कहा कि भोग- प्रसाद की खाद्य सामग्री को दान एवं क्रय करने हेतु एसओपी तैयार की जानी चाहिए। आपूर्तिकर्ता के खाद्य लाईसेंस की अद्यतन स्थिति, वैधता आदि की प्रमाणिकता की जांच कर ली जाय तथा उक्त खाद्य सामग्री के निर्माता, निर्माण एवं समाप्ति तिथि, प्रयोग में लायी जाने की अवधि व भण्डारण हेतु उल्लिखित दिशा निर्देशन का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

बैठक में चर्चा पश्चात निर्णय हुआ कि भोग-प्रसाद में लायी जाने वाली खाद्य सामग्री के भण्डारण हेतु मानक निर्धारित किए जाएं।मसाले, तेल, घी आदि को क्रय करते समय भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) लाईसेंस, एगमार्क (कृषक प्रतीक) आदि संस्थाओं के प्रमाण, “लोगो” आदि के प्रमाणिकता की जांच में और अधिक सतर्कता बरती जाए।भोग-प्रसाद के निर्माण में संलिप्त कार्मिकों द्वारा स्वच्छता सम्बन्धी मानको का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

उपायुक्त, खाघ संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखण्ड/नोडल अधिकारी “ईट राइट इण्डिया” अभियान द्वारा यह सुझाव दिया गया कि भोग-प्रसाद के निर्माणरत कार्मिको / वृत्तिदारों / व्यक्तियों को खाद्य संरक्षा मानकों की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु प्रथम चरण में “खाद्य संरक्षा प्रशिक्षण और प्रमाणन” प्रशिक्षण दिया जाय।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी ने अवगत कराया गया कि मन्दिर परिसर के बाहर प्रसाद विक्रेता श्री बदरीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति के नियंत्रणाधीन न होने के कारण उन सभी विकेताओं को खाद्य लाईसेंस पंजीकरण, खाद्य पदार्थ के भण्डारण रख-रखाव, निर्माण एवं समाप्ति तिथि आदि के सम्बन्ध में जनपदीय अभिहित अधिकारियों के स्तर से बैठक कर विक्रय हेतु रखे प्रसाद व अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही किये जानी अपेक्षित है।

बैठक में जगदीश रतूड़ी एस.आई. एफ.डी.ए. विजिलेंस एवं कुलदीप नेगी आदि ने भी प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

यह भी पढ़े