- ग्राफिक एरा (Graphic Era) मेडिकल कॉलेज का प्रथम सत्र शुरू
- चुनौतियों को सफर का रोमांच मानें: डॉ घनशाला
देहरादून/मुख्यधारा
ग्राफिक एरा (Graphic Era) मेडिकल कॉलेज का प्रथम सत्र आज आरम्भ हो गया। एमबीबीएस के पहले बैच की शुरुआत फाउंडेशन कोर्स के साथ हुई। नये सत्र का श्रीगणेश करते हुए ग्राफिक एरा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने भावी डॉक्टरों को जिंदगी में कामयाबी पाने के गुर सिखाये।
ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में आज ग्राफिक एरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसेज के प्रथम सत्र की शुरुआत कई राज्यों की संस्कृति की मनोहारी झलक दिखाने वाली प्रस्तुतियों के साथ हुई।
नये सत्र के पहले दिन ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने मेडिकल कॉलेज की स्थापना संबंधी नियमों में आखिरी दौर में हुए परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए कहा कि नई राह में अक्सर चुनौतियां आती हैं। उन्होंने भावी डॉक्टरों से कहा कि चुनौतियों को चुनौती मानने के बजाय सफर के रोमांच की तरह लेकर और ज्यादा परिश्रम किया जाना चाहिए। जिंदगी में सफलताएं हासिल करने के लिए यह आवश्यक है।
डॉ. घनशाला ने मेडिकल के छात्र-छात्राओं को डिजिटल मीडिया का उपयोग करने में बहुत सावधानी बरतने, निगेटिव थॉट वाले और इनसिक्योर प्रवृत्ति के लोगों से दूर रहने और पॉजिटिव सोच वाले लोगों से जुड़ने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि कभी भी कम्युनिकेश गैप की स्थिति नहीं आने देनी चाहिए। इससे न चाहते हुए भी चीजें विकट रूप ले सकती हैं। जहां भी कम्प्युनिकेशन गैप होता नजर आये, खुद आगे बढ़कर सही तथ्य बताते हुए पूरी स्थिति स्पष्ट कर देनी चाहिए।
चेयरमैन डॉ. घनशाला ने छात्र-छात्राओं को अनुशासन व सेवा भावना को सर्वोपरि रखने, छुट्टियों में कहीं भी जाते समय सावधान रहने और अपने माता पिता की हमेशा इज्जत करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि देश भर से आने वाले छात्र-छात्राओं के सुख और सुविधा के लिए वह खुद तीन दिन और रातों से लगातार मेडिकल कॉलेज में जागकर कार्य कर रहे थे।
डॉ. घनशाला ने एक गाना सुनाकर अपने बच्चों को हॉस्टल में छोड़कर जाने वाले अभिभावकों की मनोदशा का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी कभी आशाओं के कारण भी आंखें गीली हो जाती हैं।
फाउंडेशन कोर्स के पहले दिन ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के निर्माण की शुरुआत से लेकर अब तक की प्रगति पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इससे पहले एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने यूनिवर्सिटी कैम्पस का भ्रमण किया।
इस अवसर पर महक काकड़िया व साथियों के सुकृति ग्रुप ने सरस्वती वंदना, प्रज्ञा थपलियाल व साथियों के देवस्थली ग्रुप ने नृत्य नाटिका के रूप में सीता हरण व उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित प्रस्तुति देकर वाहवाही लूटी। जश्न ए वीरा ग्रुप के दक्ष चौधरी, प्रज्ञा कर्णवाल आदि ने भांगड़ा, स्वरागिनी बैंड के श्रीयांश नवानी, अमोघ भट्ट आदि ने ग्रुप बैण्ड के जरिये अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा की धाक जमाई।
चेयरमैन डॉ घनशाला ने इन बेहतरीन प्रस्तुतियों के लिए देवस्थली ग्रुप व जश्न ए वीरा को 51-51 हजार रुपये, स्वरागिनी बैण्ड को 31 हजार और सुकृति ग्रुप को 21 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया। कार्यक्रम का संचालन आदित्य अग्निहोत्री ने किया। नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देशों के अनुरूप फाउंडेशन कोर्स 14 दिन चलेगा। इसके आखिरी दिन कोट सेरेमनी होगी।
ग्राफिक एरा के एमबीबीएस कोर्स के पहले बैच में उत्तराखंड, उ.प्र., नई दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, म.प्र., कर्नाटक, असम, त्रिपुरा समेत 18 राज्यों के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।
फाउंडेशन कोर्स के पहले दिन विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों की व्यवस्थाएं देखकर अभिभावक और नये छात्र-छात्राओं बहुत खुश नजर आये। चेयरमैन के संघर्ष और कार्यशैली की अभिभावकों ने मुक्त कंठ से सराहना की। समारोह में मेडिकल कालेज और विश्वविद्यालय के पदाधिकारी मौजूद रहे।