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वनाग्नि एक अभिषाप है इसकी रोकथाम के लिए जनसहभागिता व रेखीय विभागों की तत्परता जरूरी: डीएफओ स्वप्निल

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वनाग्नि एक अभिषाप है इसकी रोकथाम के लिए जनसहभागिता व रेखीय विभागों की तत्परता जरूरी: डीएफओ स्वप्निल

  • वनाग्नि की रोकथाम के लिए कल्जीखाल विकासखंड सभागार में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, 270 से अधिक लोगों ने किया प्रतिभाग
  • शीतलाखेत मॉडल के तर्ज पर रानीगढ़ अदवाणी वनबंधु समिति का गठन, 30 गांवों के प्रधान व 28 वन सरपंच समिति में शामिल
  • कार्यक्रम में उपस्थितों ने वनाग्नि रोकथाम की ली शपथ, अदवाणी रेंज के अंतर्गत रानीगढ़ महादेव को साक्षी मानकर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर घोषणा पत्र मंदिर के पुजारी को सौंपा

पौड़ी/मुख्यधारा

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान के निर्देशों के क्रम में वन विभाग के तत्वाधान में विकासखंड सभागार
कल्जीखाल में प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल स्वप्निल अनिरूद्व की उपस्थिति में वनाग्नि की रोकथाम हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अदवाणी रेंज को वनाग्नि से बचाने के लिए रानीगढ़ अदवाणी वन बंधु समिति का गठन करने के साथ ही स्थानीय लोगों को वनाग्नि के प्रति जागरूक किया गया।

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बुधवार को आयोजित वनाग्नि रोकथाम जन जागरूकता अभियान के तहत कल्जीखाल में आयोजित कार्यक्रम में 30 ग्राम पंचायतों के प्रधान व 28 वन पंचायतों के सरपंच सहित राजस्व, पुलिस, वन, विकास विभाग के करीब 270 लोगोें ने वनाग्नि की रोकथाम को लेकर शपथ ली।

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मौके पर उपस्थित सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों ने अदवाणी रेंज को आग से बचाने के लिए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने के उपरांत घोषणा पत्र को रानीगढ़ महादेव मंदिर में पुजारी को सौंपा। डीएफओ गढ़वाल ने कार्यक्रम में उपस्थितों को वनाग्नि की रोकथाम के लिए पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दिया।

उन्होंने कहा कि वनाग्नि पर रोकथाम लगाने के लिए जनसहभागिता व अधिकारियों/कर्मचारियों की तत्परता अतिआवश्यक है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपनी-अपनी ग्राम सभाओं में निवासरत प्रत्येक ग्रामवासी को वनाग्नि की रोकथाम के लिए जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि जंगलों से सटे गांवों में निवासरत काश्तकार खेतों की साफ-सफाई/झाड़ी कटान से पैदा हुए आड़े को न जलाएं। साथ ही वन क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले यात्रियों को वन क्षेत्रों में धुम्रपान, लाइटर, माचिस इत्यादि का प्रयोग नहीं करने की अपील की है।

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उन्होंने कहा कि वनाग्नि एक अभिषाप है, इससे एक ओर जहां वनस्पतियों को नुकशान होता है, वहीं वन्य जीव जंतुओं को भी इसकी क्षति का नुकसान झेलना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि अदवाणी रेंज में शीतलाखेत मॉडल के तर्ज पर रानीगढ़ अदवाणी वन बंधु समिति का गठन किया है। यह समिति वनाग्नि के शमन के साथ-साथ अनियंत्रित वनाग्नि से प्रभावितों व जीवजंतुओं के बचाव में भी सहयोग प्रदान करेगी।

कार्यक्रम में डीएफओ सीविल एवं सोयम पवन नेगी, ब्लाक प्रमुख द्वारीखाल महेंद्र राणा, एसडीओ वन प्रभाग गढ़वाल आयषा बिष्ट, एसडीओ थलीसैंण लक्की शाह, खंड विकास अधिकारी कल्जीखाल गंगा प्रसाद लखेड़ा, अदवाणी रेंज अधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल, रेंज अधिकारी सतपुली भूपेंद्र नौटियाल, ग्राम प्रधान धनाऊ मल्ला कमल रावत, द्यूशा रोशन लाल, सरपंच गहड़ रामेश्वरी देवी, सरपंच दरवान सिंह सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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