नैनीताल। शासन द्वारा प्रदेश के सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं को राशन वितरण प्रणाली के अंतर्गत कार्ड धारकों को बायोमीट्रिक प्रणाली से राशन देने के मामले में हाईकोर्ट ने शासन को आठ हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
कोविड-19 महामारी के चलते पिछले काफी समय से बायोमीट्रिक प्रणाली हटाने की मांग करते चले आ रहे प्रदेश के हजारों सस्ता राशन विक्रेताओं की जब शासन-प्रशासन ने नहीं सुनी तो उन्होंने मजबूरन हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने राशन विक्रेताओं की बात सुनते हुए शासन-प्रशासन से 8 हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।
आदर्श राशनिंग वेलफेयर सोसायटी के प्रदेश अध्यक्ष रमेशचन्द्र पाण्डे ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के समस्त सस्ता गल्ला विक्रेता शासन-प्रशासन के समक्ष बायोमीट्रिक प्रणाली को हटाने की मांग कर रहे थे, जिस पर लंबे समय तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक प्रणाली के चलते गल्ला विक्रेताओं को कोरोना संक्रमण होने का खतरा अधिक है। बायोमीट्रिक प्रणाली को हटाने की पिछले काफी समय से मांग करते आ रहे थे। इस पर शासन-प्रशासन ने जब कोई साकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो सोसायटी को हजारों विक्रेताओं की जान की सुरक्षा के हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। उन्होंने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने शासन आठ हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
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