मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। आजकल युवाओं के जीवन पर एक सेल्फी भारी पड़ रही है, लेकिन फिर भी युवाओं का क्रेज सेल्फी को लेकर खूब बढ़-चढ़कर सामने आ रहा है। यूं तो सेल्फी को लेकर सभी उम्र के लोगों का खासा झुकाव है, लेकिन टीन एजर्स की तो बात ही कुछ और है। सेल्फी के लिए युवा आजकल ऐसी-ऐसी लोकेशन तलाश रहे हैं, जहां पर सेल्फी लेते वक्त उनकी जान तक भी चली जा रही है, लेकिन फिर भी युवा ऐसी घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही एक दु:खद हादसा देहरादून जनपद के मालदेवता क्षेत्र में हुआ।
दरअसल हुआ यह कि देहरादून टर्नर रोड के कुछ लोग गणेश विसर्जन के लिए मालदेवता स्थित नदी में गए थे। जब गणपति विसर्जन कार्यक्रम संपन्न हो गया तो तभी 22 साल के शुभम पुत्र पूरण सिंह पानी की धारा में सेल्फी लेने लगी। इस दौरान अचानक उनका संतुलन डिगमिगा गया और वह पानी में बह गया। पास खड़े लोगों ने उसे बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि वह तब तक काफी दूर निकल गया। खोजबीन हुई तो उसका शव करीब दो किमी. बहते हुए नदी से बरामद हुआ। इस दु:खद घटना के बाद परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई और उन्हें एक सेल्फी ने ऐसा दु:ख दे दिया, जो जीवनभर उनको रुलाता रहेगा।
ऐसा नहीं है कि सेल्फी लेते वक्त यह पहली मौत हुई है। ऐसी घटनाएं समय-समय पर होती रहती हैं। आइए सेल्फी लेते वक्त मौत के कुछ उदाहरणों से आपको भी जागरूक करने का प्रयास करते हैं:-
- 10 फरवरी 2020 को ऋषिकेश चीला शक्तिनगर में सेल्फी लेते वक्त दिल्ली के 19 साल के युवक की जान चली गई थी।
- 19 अक्टूबर 2019 को देहरादून में एनडीए की तैयारी कर रहे दो छात्रों की तोषी नदी में सेल्फी लेते वक्त बहने से मौत हो गई थी।
- 1 नवंबर 2020 को हरिद्वार में सेल्फी लेते वक्त 24 साल की एक नव विवाहित महिला गंगा में डूब गई।
- 5 जनवरी 2020 को बागेश्वर निवासी 18 साल के युवक की हरिद्वार के चंडिका मंदिर के पास सेल्फी लेते वक्त सिर में गंभीर चोटें आने से मौत हो गई थी।
11 मार्च 2020 को ऋषिकेश गंगा तट पर सेल्फी लेते वक्त एक विदेशी महिला डूब गई। जिसे बचाने एक विदेशी नागरिक नदी में कूदा, जिससे दोनों की मौत हो गई।
यहां मौत की सेल्फी के कुछ उदाहरणभर दिए गए हैं। यदि लोग ऐसी खतरनाक सेल्फी का मोह नहीं त्याग सके तो आपके द्वारा खींची जाने वाली सेल्फी आपके जीवन की अंतिम सेल्फी भी साबित हो सकती है। आप स्वयं और अपने बच्चों को सेल्फी के ऐसे दुष्परिणामों को लेकर समय पर जागरूक कर सकते हैं, तभी आपके परिवार की खुशहाली बनी रह सकती है।