उत्तराखंड : भ्रष्टाचार पर धामी सरकार की सख्त कार्रवाई

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उत्तराखंड : भ्रष्टाचार पर धामी सरकार की सख्त कार्रवाई

  • विजिलेंस टीम ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा
  • सीएम धामी के निर्देश पर भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, जनता में भरोसा मजबूत
  • धामी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही कार्रवाई ने पेश की नई नज़ीर

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए हल्द्वानी स्थित सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने जनपद बागेश्वर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सूबोध शुक्ला (सेवानिवृत्त कर्नल) को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

शिकायत के आधार पर हुआ ट्रैप

शिकायतकर्ता ने 1064 टोल फ्री नंबर पर जानकारी दी थी कि वह एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं और जिला सैनिक कल्याण विभाग से सेवा विस्तार संबंधी कार्य करवा रहे हैं। आरोपी अधिकारी ने उनसे काम के बदले ₹50,000 की रिश्वत की मांग की थी। इस सूचना के बाद विजिलेंस टीम ने पूरी योजना बनाकर ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया। 24 मई 2025 को बागेश्वर के सेना निवृत्त ग्राम रामपुर, तहसील कपकोट निवासी सूबोध शुक्ला को रिश्वत की रकम लेते ही दबोच लिया गया। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

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150 से अधिक गिरफ्तारियाँ: भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

धामी सरकार ने बीते तीन वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक 150 से अधिक गिरफ्तारी कर एक मिसाल कायम की है। यह साबित करता है कि सरकार सिर्फ बयानबाज़ी नहीं कर रही, बल्कि जमीन पर प्रभावशाली कार्यवाही भी कर रही है। भ्रष्टाचार पर इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई करके सीएम धामी ने लोगों के सामने एक नज़ीर पेश की है और इस अभूतपूर्व कार्रवाई से लोगों के बीच एक नया विश्वास पैदा हुआ है।

मुख्यमंत्री धामी की स्पष्ट नीति: भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और विजिलेंस की त्वरित कार्यवाही के चलते अब अधिकारी व कर्मचारी भी सजग हो गए हैं। इस तरह की निरंतर और प्रभावी कार्रवाइयों से न केवल शासन-प्रशासन में पारदर्शिता आ रही है, बल्कि जनता का भरोसा भी मजबूत हो रहा है। यदि किसी भी सरकारी विभाग का अधिकारी/कर्मचारी आपसे कार्य के बदले रिश्वत मांगता है, तो आप टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क करके सतर्कता अधिष्ठान को गोपनीय रूप से सूचित कर सकते हैं।

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