33 देशों में गए सात डेलिगेशन पाकिस्तान को बेनकाब कर बता रहा सच्चाई, ओवैसी का पाक पर आक्रामक अंदाज भाजपा को भाया

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33 देशों में गए सात डेलिगेशन पाकिस्तान को बेनकाब कर बता रहा सच्चाई, ओवैसी का पाक पर आक्रामक अंदाज भाजपा को भाया

मुख्यधारा डेस्क

पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच अभी भी तनाव बना हुआ है। जहां मोदी सरकार ने पाकिस्तान को बेनकाब करने और उसकी सच्चाई बताने के लिए भाजपा समेत विभिन्न विपक्षी पार्टियों से सात डेलिगेशन 33 देशों में भेजे हैं। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी अपने मित्र देश तुर्की के दौरे पर हैं। रविवार शाम को पाकिस्तानी प्रकधानमंत्री शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की। वहीं भारत भी विपक्षी सांसदों और नेताओं को पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए विभिन्न देशों में भेजा है। इस डेलिगेशन में कई नेता ऐसे हैं जिनका मोदी सरकार से छत्तीस का आंकड़ा रहता है लेकिन जब देशहित की बात आती है तो आज यह सभी एकजुट होकर खड़े हुए हैं।

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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद असदुद्दीन ओवैसी लगातार भाजपा सरकार के साथ खड़े हुए हैं और पाकिस्तान खूब खरी-खरी सुन रहे हैं। कोई भी लोकतंत्र तभी और ज्यादा मजबूत बनता है, जब उसमें अलग विचारों के लिए पर्याप्त जगह होती है। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव के उस वक्तव्य को आज याद करना चाहिए कि दल से बड़ा देश और विदेश नीति से बड़ी देश नीति। इसी तरह अटल बिहारी वाजपेयी के इस भाषण का स्मरण किया जाना चाहिए कि सत्ता का खेल तो चलेगा, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी, मगर यह देश रहना चाहिए, देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए भारत से सभी 7 डेलिगेशन रवाना हो चुके हैं। इनमें से 6 डेलिगेशन अपने-अपने निर्धारित देश पहुंच गए हैं।

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दो डेलिगेशन 21 मई को, एक 22 मई को, 3 24 मई को और एक डेलिगेशन 25 मई को विदेश रवाना हुआ था। ये डेलिगेशन ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर पाकिस्तान की सच्चाई बताएगा। अलग-अलग देशों की यात्रा कर रहे भारत के सर्वदलीय शिष्टमंडलों ने बताया है कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकवाद का शिकार केवल ही नहीं विश्व के तमाम देश हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाला शिष्टमंडल अमेरिका के बाद गुयाना तो भाजपा सांसद वैजयंत पांड्या का प्रतिनिधिमंडल कुवैत पहुंचा है। रविवार को थरूर के शिष्टमंडल ने गुयाना के उप राष्ट्रपति भारत जगदेव से मुलाकात की। जॉर्जटाउन पहुंचने पर थरूर के शिष्टमंडल का जोरदार स्वागत हुआ। तो वहीं पांडा का शिष्टमंडल कुवैत से बहरीन पहुंचा।बहरीन की राजधानी मनामा में भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन के उपप्रधानमंत्री शेख खालिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा से मुलाकात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख पर चर्चा की।

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बहरीन में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सर्वदलीय सांसदों ने बहरीन की संसद के उच्च सदन शूरा बहरीन के अध्यक्ष अली बिन सालेह अल सालेह से भी मुलाकात की तथा आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के भारत के संकल्प को रेखांकित किया।’ भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व वाला यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक हैं, जिन्हें भारत ने विश्व के 33 देशों की राजधानियों का दौरा करने का जिम्मा सौंपा है। वे पाकिस्तान की मंशाओं और आतंकवाद के प्रति भारत की प्रतिक्रिया, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराएंगे।

बहरीन में ओवैसी ने भारत का मजबूती के साथ पक्ष रखते हुए कहा- पाकिस्तान हमलावर देश

बहरीन के मनामा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ‘पाकिस्तान एक हमलावर देश है, न कि कोई पीड़ित।’ ओवैसी बहरीन में एक बैठक के दौरान भारत की ओर से पक्ष रख रहे थे। उन्होंने आतंकवाद, पाकिस्तान की भूमिका और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर कई गंभीर मुद्दे उठाए। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बैठक में उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से प्रशिक्षित और मदद किए गए आतंकवादी कई सालों से भारत में हमले कर रहे हैं। इन हमलों में हजारों निर्दोष भारतीयों की जान गई है। उन्होंने मुंबई ब्लास्ट, ट्रेन धमाकों, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सामने हुए आत्मघाती हमले, पुलवामा और पठानकोट हमलों का जिक्र करते हुए सबूत दिए कि इन सभी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका थी। असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि दिसंबर 2023 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएसपी) से मांग की थी कि टीआरएफ नाम के संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि यह भारत में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे सकता है।

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उन्होंने ये भी बताया कि अप्रैल 2025 में पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने कश्मीर को लेकर जो भाषण दिया, वो भी पाकिस्तान के इरादों को उजागर करता है। वहीं दक्षिण कोरिया में, जनता दल (यूनाइटेड) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रवासियों के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की। प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार के रुख को दोहराया और कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। सियोल में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व विदेश मंत्री डॉ यून यंग-क्वान, संसदीय विदेश मामलों की समिति के उपाध्यक्ष प्रतिनिधि किम गुन, पूर्व उप विदेश मंत्री चो ह्यून, राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी केंद्र के निदेशक मेजर जनरल शिन सांग-ग्यून, भारत में पूर्व कोरियाई राजदूत, राजदूत शिन बोंग-किल और राजदूत ली जून-ग्यू समेत प्रतिष्ठित कोरियाई गणमान्य व्यक्तियों के साथ बातचीत की।

प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं किया जा सकता है। इसने कहा, ‘कोरियाई पक्ष ने आतंकवाद के प्रति अपना दृढ़ विरोध व्यक्त किया तथा भारत की स्थिति के प्रति अपनी समझ व्यक्त की।’ सियोल गए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक, तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘बातचीत के दौरान शांति, क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खतरे का सामना करने के लिए बहुपक्षीय प्रयासों को मजबूत करने के मुद्दों पर चर्चा हुई।

द्रमुक सांसद कनिमोझी स्लोवेनिया और सुप्रिया सुले कतर पहुंचीं

द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ‘भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचाने’ के लिए स्लोवेनिया पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल की अगवानी स्लोवेनिया में भारतीय राजदूत अमित नारंग ने की। भारतीय दूतावास ने यहां ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत का संदेश दुनिया तक ले जाना। माननीय सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल स्लोवेनिया पहुंचा। राजदूत अमित नारंग और दूतावास के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को कतर शूरा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. हमदा अल सुलैती और कतर के अन्य सांसदों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि यह यात्रा सीमा पार आतंकवाद पर भारत के एकजुट रुख को दर्शाती है। कतर में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कतर ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी कतई न सहन करने की नीति पर जोर दिया और कहा कि आतंकवाद की वैश्विक स्तर पर निंदा की जानी चाहिए।’ इससे पहले, प्रतिनिधिमंडल ने दूतावास में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र भी जायेगा।

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वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तुर्की में है। शरीफ के तुर्की के दौरे को एक तरफ जहां व्यापारिक यात्रा कहा जा रहा है, तो वहीं खुद पाकिस्तानी मीडिया ही इस बात की पोल खोल रहा है कि भारत के खिलाफ तुर्की ने जो मदद की थी, उसके लिए खास तौर पर धन्यवाद करने के लिए उसके प्रधानमंत्री तुर्की गए थे। खुद शहबाज शरीफ भी गदगद होकर सोशल मीडिया पर लिखते हैं कि प्रिय भाई एर्दोगन से मिलने का सम्मान प्राप्त हुआ। भारत-पाकिस्तान के हालिया तनाव में उनके अडिग समर्थन के लिए धन्यवाद। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शहबाद शरीफ के साथ इस मुलाकात को ऐतिहासिक और सामरिक रूप से अहम बताया है। उनका कहना है कि सुरक्षा, क्षेत्रीय सहयोग औऱ अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर बात की। एर्दोगन कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ उनके बहुत ही आत्मीय, मानवीय और राजनीतिक रिश्ते हैं।

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