देहरादून। आम आदमी की पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री व रायपुर विधानसभा प्रभारी उमा सिसोदिया ने भाजपा पर यौन शोषण के आरोप में घिरे अपने विधायक को बचाने का आरोप लगाते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर पार्टी से निलंबित करने की मांग की है।
उमा सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार अपने विधायक को बचाने का प्रयास करती नजर आ रही है। महेश नेगी प्रकरण में यह स्पष्ट नजर आ रहा था कि पुलिस आरोपी विधायक को बचाने के लिये सरकार के दबाव में काम कर रही थी और पीडि़ता के पक्ष में किसी भी प्रकार की कार्यवाही पुविस द्वारा नहीं की जा रही थी। पीडि़ता की एफआईआर दर्ज ना कर उल्टे पीडि़ता के ऊपर ही राजनैतिक दबाव में एफआईआर दर्ज कर दी गई। पीडि़ता व उसके परिजनों द्वारा विधायक के डीएनए टेस्ट किये जाने की मांग पर भी कोई सुनवाई नहीं की गई।
उमा सिसोदिया ने कहा कि बहुत ही शर्मनाक है कि जीरो टालरेंस का झूठा दावा करने वाली त्रिवेंद्र रावत सरकार को न्यायालय के आदेश व फटकार के बाद आरोपी विधायक पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करना पड़ा है। भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा हमेशा से ही महिला विरोधी रहा है। अपने ऐसे आरोपों से घिरे नेताओं को बचाने के लिए भाजपा हमेशा आगे बढ़कर सामने आती रही है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी विधायक महेश नेगी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर उन्हें भाजपा से निलंबित करने की मांग करती है। मातृशक्ति के बलिदान से बने उत्तराखण्ड में महिलाओं का अपमान व शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि त्रिवेंद्र रावत सरकार द्वारा राजनैतिक दबाव का इस्तेमाल कर यौन उत्पीडऩ से घिरे विधायक को बचाने की कोशिश की गई तो आम आदमी पार्टी उत्तराखंड की महिला शक्ति की अस्मिता की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष जारी रखेगी और महिला विरोधी भाजपा सरकार का चेहरा जनता के सामने बेनकाब करेगी।
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