सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
जनपद के अंतर्गत एक गांव में मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला से किसी अज्ञात व्यक्ति ने दुष्कर्म किया। जिससे बाद वह गर्भवती हो गई है। इस महिला की सहायता के लिए आज मानवीय संवेदनाएं जगीं और वन स्टॉप सेंटर के प्रयासों से उसका सुरक्षित प्रसव कराया लिया गया। जिसके बाद महिला पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
बताते चलें कि रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के अंतर्गत एक दूरस्थ गांव की मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला के साथ किसी अज्ञात द्वारा दुराचार किया गया, जिससे वह गर्भवती हो गई। मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो इसकी जांच के लिए पुलिस तथा वन स्टॉप सेंटर को निर्देशित किया गया।
मामले में पुलिस द्वारा अज्ञात के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। उसके पश्चात् वन स्टॉप सेंटर की सहायता से जिला अस्पताल में उक्त महिला की सम्पूर्ण चिकित्सकीय जांच करवाई गई, ताकि महिला तथा अजन्मे शिशु को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी न होने पाए। महिला को प्रसव पूर्ण जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग में भर्ती करवाया गया, जिसमें वन स्टॉप सेंटर के कार्मिकों द्वारा उक्त महिला की देखरेख की सम्पूर्ण जिम्मेदारी ली गई।
प्रसव के उपरांत शिशु का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर ले जाया गया, जहां वन स्टॉप सेंटर तथा बाल कल्याण समिति के कार्मिकों द्वारा महिला तथा शिशु की देखरेख की गई। उसके पश्चात् नवजात शिशु को वन स्टॉप सेंटर द्वारा बाल कल्याण समिति के माध्यम से बाल गृह देहरादून भेजा गया तथा पीडि़त महिला को नारी निकेतन, देहरादून भेजा गया, ताकि वह बेहतर तरीके से अपना जीवनयापन कर सके।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रुद्रप्रयाग द्वारा अपराध से पीडि़त सहायता कोष से पीडि़ता की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत दो लाख रु. मुआवजे के तौर पर दिये गये हैं, जिसमें वन स्टॉप सेंटर को संयुक्त खाताधारक बनाया गया है, ताकि पीडि़ता एवं नवजात शिशु को उचित स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएंं प्रदान की जा सके।