25 से 30 टन खनन सामग्री से भरे ट्रकों की आवाजही से जर्जर हुए कई पुलिया। बड़े हादसों का इंतजार
मुख्यधारा प्रतिनिधि
यमकेश्वर। यमकेश्वर क्षेत्र के घट्टूगाड में आज एक घर के ऊपर रेत से लदा ट्रक पलटकर गिर गया, लेकिन गनीमत यह रही कि वह परिवार बाल-बाल बच गया। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने बताया कि आज घट्टूगाड में रेत से लदा ओवरलोडिंग ट्रक सड़क को तोड़कर स्थानीय ग्रामीण बचन सिंह के मकान के ऊपर जा गिरा। जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। यदि घटना के वक्त कोई घर की छत पर होते तो बहुत बड़ी जनहानि हो सकती थी। इस घटना से स्थानीय ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
सुदेश भट्ट व स्थानीय नागरिकों ने बताया कि जब तक क्षतिग्रस्त मकान मालिक को ट्रक चालक या खनन संचालकों द्वारा उचित मुवावजा नहीं दिया जाता, तब तक ट्रक को यहां से नहीं उठाने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी ट्रकों द्वारा पांच जगहों पर सड़क के पुस्ते तोड़े गये हैं। स्थिति यह है कि घट्टूगाड में गधेरे के ऊपर बनी पुलिया पर क्षमता से ज्यादा भार वाले ट्रकों की आवाजाही से पुलिया जर्जर हो गई है। साथ ही पूरी सड़क जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
पुलिया की जर्जर हालत पर अफसोस जताते हुए क्षेत्र पंचायत सुदेश भट्ट ने बताया कि ये पुलिया हर वक्त इन भारी वाहनों की आवाजाही के कारण किसी बड़ी अनहोनी को न्यौता दे रही है। यदि शीघ्र ही इस पुलिया का जीर्णोद्धार नहीं किया जाता है तो यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है। समस्त स्थानीय जनता ने इस सड़क पर इस तरह के हैवी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत घट्टूगाड के समीप हेंवल नदी में चल रहे खनन वाहनों से आए दिन क्षेत्र में कोई न कोई घटना सुनने को मिलती रहती है। क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट बताते हैं कि भार क्षमता से अधिक लोड लेकर दिन रात हैवी ट्रक इस संकरी व जर्जर सड़क व पुलिया पर तेज रफ्तार से दौड़ते रहते हैं। इन ट्रकों की आवाजाही से 16.2 टन भार क्षमता का घट्टूगाड मे हेंवल नदी के उपर बने पुल को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। जिसके उपर से 25 से 30 टन वजनी ट्रक एक साथ तेज रफ्तार से गुजरते हुए देखे जा सकते हैं। कई बार स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणों द्वारा इस गंभीर मामले को लेकर आवाज उठाई गई है, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। यदि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो किसी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता। बताते चलें कि सुदेश भट्ट यमकेश्वर में खोखली हो चुकी तमाम सड़कों के समाधान को लेकर निरंतर आवाज उठाते रहे हैं।
बहरहाल, अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या को जल्द सुलझाते हैं या नहीं!
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