उत्तराखंड क्रांति दल करेगा बाहरी लोगों को लीज पर जमीन देने का विरोध
देहरादून। उत्तराखण्ड क्रांति दल (उक्रांद) के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष व संरक्षक त्रिवेन्द्र सिंह पंवार ने राज्य में अनुच्छेद 371 लागू करने राज्य की राजधनी गैरसैंण घोषित करने की पार्टी की मुख्य मांग को दोहराया है। उन्होंने राज्य की भूमि बाहरी व्यक्तियों या शरणार्थियों को लीज पर दिए जाने के कदम को आत्मघाती करार देते हुए उक्रांद द्वारा इसक प्रबल विरोध करने की चेतावनी दी है।
दून में प्रेसवार्ता में पंवार ने कहा कि राज्य की बेशकीमती जमीन और संसाधन भाजपा सरकार दोनों हाथों से लुटाने पर आमादा है। ये राज्य को बर्बाद करने की साजिश है। राज्य सरकार युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते धीरे-धीरे बंद कर रही है। आंगनबाड़ी, मिनी व सेविका छह सौ रुपये वेतनमान प्रतिदिन के अलावा कई मांगों को लेकर पिछले पचास दिन से ठंडे मौसम में ध्रना-अनशन कर रही हैं। उक्रांद उनके आंदोलन को पूरा समर्थन दे रहा है। परिसीमन पर दल की राय स्पष्ट करते हुए कहा कि परिसीमन का आधार यदि जनसंख्या हुआ तो इससे पहाड़ी जिलों की स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा। इस बात के लिए दल पहाड़ी जिले के लोगों को जागरूक कर रहा है।
पंवार ने निगम द्वारा 111 तरह के व्यवसाय पर लाइसेंस व पंजीकरण शुल्क लगाने के निगम के फैसले का भी विरोध किया है। उनके अनुसार, शुल्क की जो राशि प्रस्तावित की गई है वह काफी अधिक है। इस प्रस्ताव को जनहित में निरस्त किया जाना चाहिए।
वार्ता के दौरान वरिष्ठ नेता एपी जुयाल, जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई, महामंत्री किशन सिंह रावत, मनोज बिजल्वाण, जयदीप भट्ट, एसएस पोखरियाल, रेखा मियां, राजेश नौटियाल आदि मौजूद थे।