बड़ी खबर : दून में 90% पानी नहीं है पीने योग्य! क्या आप भी नहीं पी रहे हैं शुद्ध पेयजल? पढें स्पेक्स की पेयजल गुणवत्ता रिपोर्ट-2021 - Mukhyadhara

बड़ी खबर : दून में 90% पानी नहीं है पीने योग्य! क्या आप भी नहीं पी रहे हैं शुद्ध पेयजल? पढें स्पेक्स की पेयजल गुणवत्ता रिपोर्ट-2021

admin
Dehradun Ghanta Ghar

जन-जन को शुद्ध जल अभियान- 2021 में देहरादून के पेयजल को लेकर हुए कई खुलासे

देहरादून/मुख्यधारा

देहरादून में अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल पीने योग्य नहीं हैं। कहीं चूने की अधिकता, तो कहीं अवशोषित क्लोरीन और किन्हीं क्षेत्रों के पेयजल में क्लोरीन ही नहीं पाई गई तो कहीं मानकों में क्लोरीन की मात्रा अत्यधिक मिली। किन्हीं क्षेत्रों में कॉलीफार्म की मात्रा अत्यधिक पाई गई तो कहीं फीकल कॉलीफार्म ज्यादा मिला। इसके अलावा दून के कई इलाकों में गंदा पानी आ रहा है तो कहीं गंदले पानी के साथ ही बदबूदार पानी आता है। ऐसे में दूनवासी अनजाने में कई तरह की बीमारियों का सामना करने को मजबूर हैं। ये तथ्य स्पेक्स द्वारा लिए गए पेयजल के नमूने के बाद स्पेक्स प्रयोगशाला में सामने आए हैं।

स्पेक्स के सचिव डॉ बृज मोहन शर्मा बताते हैं कि स्पेक्स के जल प्रहरियों के सहयोग से जून 5 से 8 जुलाई, 2021 के अंतराल में देहरादून एवं आस पास के क्षेत्रों से पेयजल के 125 नमूने घर-घर जाकर लिए और उनका परीक्षण स्पेक्स प्रयोगशाला में किया। यह प्रयोगशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने स्पेक्स को प्रदान की है। स्पेक्स वर्ष 1990 से देहरादून के पेयजल की गुणवत्ता पर कार्य कर जन-जन को शुद्ध जल अभियान चला रहा है, जिसका उद्देश्य आम जन को पीने के पानी के विषय में जागरूक करना है।

डॉ बृज मोहन शर्मा ने बताया कि स्पेक्स के जन-जन को शुद्ध जल अभियान 2021 में 125 स्थानों से पेयजल के 125 नमूने एकत्र किए, जिसमें लगभग 90 प्रतिशत नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। आम जन के साथ-साथ अधिकारियों, विधायकों और मंत्रियों के कार्यालयों व घरों से भी पानी के नमूने एकत्र किए गए।

देहरादून के पेयजल में कहीं क्लोरीन ज्यादा होने के कारण, तो कहीं फीकल कॉलीफार्म और कठोरता के कारण पानी पेयजल नहीं है, यानि पीने योग्य नहीं है। ज्यादातर पेयजल गुणवत्ता सुपर क्लोरीनेशन के कारण पीने योग्य नहीं रहा।

IMG 20210717 WA0005

 

पेयजल में कठोरता होने से होने वाले नुकसान :-

1.बाल और त्वचा जल्दी बूढ़े होते है।
2. खाली पेट रहने से पथरी रोग बढ़ता है।
3. चिकत्सा का खर्चा बढ़ जाता है।
4. लीवर, किडनी, आँखें, हड्डी के जोड़, गैस्ट्रो और पाचन पर बुरा प्रभाव डालते हंै।
5.नहाने, कपड़े और बर्तन धोने में ज्यादा पानी लगता है।
6. गीजर, पानी की टंकी, पाइप लाइन जल्दी चौक हो जाती है।
7. गीजर में पानी गरम करने में बिजली की खपत अधिक होती है।
8. खाना पकाने में घरेलू गैस ज्यादा खर्च होती है।

फीकल कॉलीफार्म से होने वाले नुकसान :-

1. पेट में कीड़े।
2. पेट के अन्य रोग।
3. हैजा, दस्त, पीलिया, उल्टी आदि और कुछ लोगों को हेपेटिटिस-बी होने की सम्भावना होती है।

क्लोरीन के अधिक और लगातार प्रयोग से निम्न नुकसान होते हैं :-

बाल सफ़ेद, त्वचा बूढ़ी, त्वचा के सूखना, कपड़ो के रंग जाना तथा पेट के अन्य रोग यहाँ तक कि अल्सर और कैंसर भी हो सकता है।

देहरादून की पेयजल गुणवत्ता निम्न प्रकार हैं पाई गई:-

अवशेषित क्लोरीन- अवशेषित क्लोरीन का मानक 0.2 मिलीग्राम प्रति लीटर हैं
देहरादून के विभिन्न स्थानों में किये गए जल गुणवत्ता परीक्षण में मात्र 7 स्थानों में ही अवशेषित क्लोरीन मानकों अनुरूप पाया गया

जिसमें सम्मिलित स्थान इस प्रकार हैं-

डोभाल वाला 0.2, इंद्रेश नगर 0.2 , तपोवन एन्क्लेव 0.2, राजेश्वरपुरम जोगीवाला 0.2, लक्खीबाग 0.2 , भंडारी बाग़ 0.2, सरस्वती विहार अजबपुर 0.2 ।
देहरादून के 6 स्थानों में अवशेषित क्लोरीन का स्तर मानकों से कई गुना अधिक था,
सतपाल महाराज 1. 4 , गणेश जोशी 1. 2 ,जिलाधिकारी 1.2 व मेयर निवास डोभालवाला 1.2 , विधायक खजान 1.0 ,एस.एस. पी. निवास राजपुर रोड में 1.0 अवशेषित क्लोरीन पायी

53 स्थानों में भी क्लोरीन मानकों से अधिक पाई गई अवशेषित क्लोरीन की मात्रा इस प्रकार है-

राजपुर रोड 1.0 , तिब्बत मार्किट 1.0, डालनवाला 1.0, , दिलाराम चौक में 1.0, सचिवालय राजपुर रोड में 1.0 , कालिदास रोड में 0. 8 , सैय्यद मौहल्ला में 0. 8, झंडा बाजार में 0. 8, कांवली रोड में 0. 8, मानसिंग वाला में 0. 8 , प्रकाश नगर धर्मपुर में 0.8 , शिमला बाय पास रोड में 0. 8, नेहरू कॉलोनी में 0. 8 , केनाल रोड में 0. 6 , चुक्खूवाला में 0. 6, ओमकार रोड में 0. 6, प्रकाश नगर में 0. 6, बसंत विहार में 0. 6, तिलक रोड में 0. 6, आकाश दीप कॉलोनी में 0. 6, पित्थूवाला में 0. 6, शास्त्री नगर हरिद्वार रोड में 0. 6, बसंत विहार फेज-2 में 0. 6, मेहूंवाला में 0. 6, पथरी बाग़ में 0. 6, कारगी चौक विद्या विहार में 0. 6, अजबपुर कलां में 0. 6, राजपुर ढाक पती 0. 4 ,नैशविला रोड 0. 4 ,डंगवाल मार्ग 0.4 बद्रीनाथ कॉलोनी में 0. 4 , विजय कॉलोनी में 0. 4 , बकरालवाला 0. 4 ,यमुना कॉलोनी 0. 4, गोविन्द गढ 0. 4 , राजीव कॉलोनी 0. 4 , इंजिनीयरस एन्क्लेव में 0. 4, कौलागढ़ रोड में 0. 4, विजय पार्क में 0. 4, रायपुर हाथी खाना चौक में , अपर रायपुर 0. 4, हरचावाला 0. 4, नालापानी में 0. 4, सेवला कलां 0. 4, मोह्बब्वे वाला 0. 4, ट्रांसपोर्ट नगर 0. 4, धर्मपुर चौक 0. 4, आराघर चौक 0. 4 , ऋषि विहार 0. 4, कांवली रोड 0. 4, माता मंदिर रोड गणेश विहार 0. 4, राजेंद्र नगर 0. 4, मोहिनी रोड में यह मात्रा 0.4 मानको से ज्यादा थी।
10 स्थानों जिनमे केंट रोड 0.1, सालावाला 0.1, जाखन राजपुर रोड 0.1, बिंदालवाला नैशविला रोड 0.1, हाथी बड़कला 0.1 , कुम्हार मंडी 0.1, उद्दीवाला बल्लूपुर 0.1 , अहीर मंडी 0.1, मिलन विहार जी एम् एस रोड में 0.1, कृष्ण नगर 0.1 कम क्लोरीन पायी गयी ।

निम्न 49 स्थानों में क्लोरीन नहीं पाया गया

इंद्रा कॉलोनी 0 , शेरबाग रोड 0 , शास्त्री नगर खाला सीमाद्वार 0 , खुड़बुडा 0 , शांति विहार कॉलोनी 0 , श्री देव सुमन नगर 0 , मित्र लोक कॉलोनी 0 , रायपुर सतीवाला 0 , ओली गाँव रायपुर 0 , डी.एल. रोड 0 , चंद्रबनी अमर भारती 0 , सहारनपुर चौक 0 , माजरा 0 , निरंजनपुर मंडी 0 , पटेल नगर 0 , सेक्टर-4 डिफेन्स कॉलोनी 0 , नवादा 0 , माजरी माफ़ी बद्रीपुर 0 , लोअर नत्थनपुर 0 , सुभाष रोड 0 , भुडग़ाँव पंडितवाडी 0 , पंडितवाड़ी 0 , हरभज वाला 0 , कालिंदी एन्क्लेव 0 , गाँधी ग्राम 0 , न्यू रोड द्वारिका स्टोर 0 , इन्दर रोड 0 , लक्ष्मी रोड 0 , संजय कॉलोनी 0 , बलवीर रोड 0 , कजऱ्न रोड 0 , अधोई वाला 0 , मयूर विहार 0 , सिद्धार्थ विहार कंडोली 0 , चिड़ो वाली कंडोली 0 , डांडा लखौंड 0 , राजेश्वर नगर फेज – 5, 0 , गुजराड़ा मानसिंग 0 , कृषाली गाँव 0 , नागल हटनाला 0 , चालंग ठाकुरद्वार 0 , नागल 0 , तरला नागल 0 , कुल्हान पनास वैली रोड 0 , टी. एच. डी. सी. देहराखास 0, शिवालिक एन्क्लेव बंजारा वाला 0 , अशोक विहार अजबपुर 0, सपेरा बस्ती 0 व जिला न्यायधीश निवास ई. सी. रोड में क्लोरीन की मात्रा शून्य पायी गयी ।

कुल कॉलीफार्म – कुल कॉलीफार्म का मानक 10 रूक्कहृ/100 रु. हैं

देहरादून के विभिन्न स्थानों में किये गए पेयजल में कुल कॉलीफार्म की जांच करने से ज्ञात हुआ तीन स्थानों सपेरा बस्ती , नागल हटनाला , नागल में अत्यधिक मात्रा में कुल कॉलीफार्म यह मात्रा सपेरा बस्ती में 58, नागल हटनाला में 38 एवं नागल 42 पायी गयी ।
33 स्थानों में कुल कॉलीफार्म अधिक मात्रा में पाया गया यह मात्रा 12 से 30 के मध्य थी । इन 33 स्थानों व इनमे पाए गए कॉलीफार्म का विवरण इस प्रकार है -, रायपुर सतीवाला में 28 , अधोई वाला में 28, नवादा में 24 , बलवीर रोड में 24 , तरला नागल में 24 , माजरा में 22 , चालंग ठाकुरद्वार में 22 , खुड़बुड़ा 20 , चंद्रबनी अमर भारती 20 , हरभज वाला 20 , अशोक विहार अजबपुर में 20, सालावाला 18 , निरंजनपुर मंडी 18 , भुडग़ांव पंडितवाड़ी 18 , गाँधी ग्राम 18 , न्यू रोड द्वारिका स्टोर 18 , डांडा लखौंड 18, श्री देव सुमन निवास 16 , कजऱ्न रोड 16 , जिला न्यायधीश निवास ई. सी. रोड 16 , बिंदालवाला नैशविला रोड 14 , उददी वाला बल्लूपुर 14 , मित्र लोक कॉलोनी निवास 14 , अहीर मंडी 14 , लोअर नत्थनपुर 14 , राजेश्वर नगर फेज -5, 14 एवं कुछ स्थानों जैसे इंद्रा कॉलोनी 12 , पटेल नगर 12 , सुभाष रोड 12 , 252 पंडितवाडी 12 , मयूर विहार 12, चिड़ोवाली कंडोली 12 , गुजराड़ा मानसिंग में 12 अत्यधिक कॉलीफार्म भी पाया गया।
14 स्थानों में कॉलीफार्म की मात्रा मानको के करीब पाई गई जिसमे क्रमश: शांति विहार कॉलोनी में 10 , डी. एल. रोड में 10 , इन्दर रोड में 10 , कुल्हान पनास वैली रोड में 10 , शिवालिक एन्क्लेव बंजारा वाला में 10, हाथी बड़कला में 8 , ओलीगांव रायपुर में 8 , माजरी माफ़ी बद्रीपुर में 8, कृषाली गांव में 8, सहारनपुर चौक में 6 , कालंदी एन्क्लेव में 6 , सेक्टर-4 डिफेन्स कॉलोनी में 4 , सिद्धार्थ विहार कंडोली में 4, टी. एच्. डी. सी. कॉलोनी देहराखास में 2 आदि सम्मिलित थे।

75 स्थानों में कुल कॉलीफार्म नहीं पाया गया इन स्थानों में केंट रोड में 0 , राजपुर ढाक पट्टी में 0 , शेरबाग रोड में 0 , जाखन राजपुर रोड में 0 ,कैनाल रोड में 0, नेशविला रोड में 0 , चुक्खूवाला में 0 , डंगवाल मार्ग में 0 , ओमकार रोड में 0 , राजपुर रोड में 0 , बद्रीनाथ कॉलोनी में 0 , विजय कॉलोनी में 0 , कालिदास रोड में 0 , बकरालवाला में 0 , डोभाल वाला 0 , सैय्यद मोहल्ला 0 , कुम्हार मंडी 0 , यमुना कॉलोनी 0 , प्रकश नगर 0 , गोविन्द गढ़ 0 , राजीव कॉलोनी 0 , इंजिनीयरस एन्क्लेव 0 , शास्त्री नगर खाला सीमाद्वार 0 , बसंत विहार 0 , कौलागढ़ रोड 0 , तिलक रोड 0 , झंडा बाजार 0 , इंद्रेश नगर 0 , कांवली रोड 0 , विजय पार्क 0 , आकाशदीप कॉलोनी 0 ,रायपुर हाथी खाना चौक 0 , अपर रायपुर 0 , हरचावाला 0 , तपोवन एन्क्लेव 0 , नालापानी 0 , मानसिंगवाला 0 , मिलन विहार जी. एम. एस. रोड 0 , सेवला कलां 0 , पित्थूवाला 0 , मोहब्बे वाला 0 , ट्रांसपोर्ट नगर 0 , राजेश्वरपुरम जोगीवाला 0 , शास्त्री नगर हरिद्वार रोड 0 , प्रकाश नगर धर्मपुर 0 , धर्मपुर चौक 0 , आराघर चौक 0, बसंत विहार फेज-2, 0 , ऋषि विहार 0, मेहूंवाला 0, शिमला बाय पास रोड 0, कांवली ग्राम 0, तिब्बत मार्किट 0, लक्ष्मी रोड 0, संजय कॉलोनी 0, डालनवाला 0, लक्खीबाग 0, भंडारी बाग 0, पथरी बाग़ 0, कारगी चौक विद्या विहार 0, सरस्वती विहार अजबपुर 0, माता मंदिर रोड गणेश विहार 0, नेहरू कॉलोनी 0, अजबपुर कलां 0, एस. एस. पी. निवास 0, राजपुर रोड 0, जिलाधिकारी कैंप कार्यालय 0, दिलाराम चौक 0, सचिवालय राजपुर रोड 0, मेयर निवास डोभालवाला , मोहिनी रोड 0 आदि ।
फीकल कॉलीफार्म – कुल कॉलीफार्म का मानक 0 रूक्कहृ/100 रूरु हैं

water

5 स्थानों में अत्याधिक मात्रा में फिकल कॉलीफार्म पाया गया जिसमे सपेरा बस्ती में 26, तरला नागल 14 , नागल हटनाला 14 , अधोई वाला 12 , नागल 12, मात्रा थी।

33 स्थानों में यह मात्रा मानकों से अधिक पायी गयी, जिसमे सालावाला में 10 , माजरा में 10 निरजनपुर में 10, जिला न्यायधीश निवास ई.सी. रोड में 8, चलांग ठाकुरद्वार 8, बलवीर रोड 8, नवादा 8, रायपुर सतीवाला 8, खुड़बुड़ा 8, अशोक विहार अजबपुर 6, डांडा लखौंड 6, न्यू रोड द्वारिका स्टोर 6, गाँधी ग्राम 6, चंद्रबनी अमर भारती 6, शास्त्री नगर खला सीमा द्वार 6, गुजराड़ा मान सिंह 4, हरभज वाला 4, भोड़ गांव पंडितवाड़ी 4, 252 पंडितवाड़ी 4, लोवर नथनपुर 4, अहीर मंडी 4, मित्रलोक कॉलोनी 4 , शिवालिक एन्क्लेव बंजारा वाला 2, राजेश्वर नगर फेज-5, 2, चिड़ो वाली कंडोली 2, मयूर विहार 2, कजऱ्न रोड 2, इन्दर रोड 2, सुभाष रोड 2, पटेल नगर 2, श्री देव सुमन नगर 2, बिंदालवाला 2, इंद्रा कॉलोनी 2 आदि स्थान सम्मिलित थे।

81 स्थानों पर फिकल कॉलीफार्म नहीं पायी गयी जिसमें केंट रोड 0, राजपुर ढाक पट्टी 0 , शेर बाग रोड 0 , जाखन राजपुर रोड 0, केनाल रोड 0, नैशविला रोड 0, चुक्खूवाला 0, डंगवाल मार्ग 0, ओमकार रोड 0, राजपुर रोड 0 बद्रीनाथ कॉलोनी 0, हाथी बड़कला 0 विजय कॉलोनी 0, कालिदास रोड 0, बकरालवाला 0, डोभालवाला 0, सैय्यद मोहल्ला 0, कुम्हार मंडी 0, यमुना कॉलोनी, प्रकाश नगर 0, गोविन्द गढ़ 0, राजीव कॉलोनी 0 , इंजीनीर्स एन्क्लेव 0, बसंत विहार 0, उददी वाला बल्लूपुर 0, कौलागढ़ रोड 0, तिलक रोड 0, झंडा बाजार 0, इंद्रेश नगर 0, कांवली रोड 0, शांति विहार कॉलोनी 0 , विजय पार्क 0, आकाशदीप कॉलोनी 0, रायपुर हाथीखाना चौक 0, अपर रायपुर 0, ओली गाँव राजपुर रोड 0, हरचावाला 0, तपोवन एन्क्लेव 0, नाला पानी 0, डी. एल 0, मान सिंह वाला 0, मिलान विहार जी. एम्. एस. रोड 0, सेवला कलां 0, पित्थुवाला 0, सहारनपुर चौक 0, मोहब्बेवाला 0,

ट्रांसपोर्ट नगर 0 , सेक्टर-4 डिफेन्स कॉलोनी 0 , माजरी माफ़ी बद्रीपुर 0, राजेश्वरपुरम जोगीवाला 0, शास्त्री नगर हरिद्वार रोड 0, प्रकाश नगर धर्मपुर 0, धर्मपुर चौक 0, आराघर चौक 0, बसंत विहार फेज-2, 0, ऋषि विहार 0, मेहूंवाला 0, शिमला बाय पास रोड 0 , कांवली गाँव 0, कालिंदी एन्क्लेव 0, तिब्बत मार्किट 0, लक्ष्मी एन्क्लेव 0, संजय कॉलोनी 0, डालनवाला 0, सिद्धार्थ विहार कंडोली 0, कृषाली गाँव 0, कुल्हान पनास कॉलोनी रोड 0, लक्खी बाग़ 0, भंडारी बाग़ 0, पथरी बाग़ 0, टी. एच. डी. सी. कॉलोनी देहराखास 0, कारगी चौक विद्या विहार 0, सरस्वती विहार अजबपुर 0, माता मंदिर रोड गणेश विहार 0, नेहरू कॉलोनी धर्मपुर 0, अजबपुर कलां 0, एस. एस. पी. निवास राजपुर रोड 0, जिलाधिकारी कैंप कार्यालय 0, दिलाराम चौक 0, सचिवालय राजपुर रोड 0, मेयर निवास, डोभालवाला 0, सतपाल महाराज निवास 0, गणेश जोशी निवास 0, खजान दास जी निवास स्थान 0, कृष्ण नगर 0, राजेंद्र नगर 0, मोहिनी रोड 0 आदि सम्मिलित हैं।

इस अभियान में ग्रासरूट अवेयरनेस सोसाइटी, राहुल मौर्या, नीरज उनियाल, चंद्रा आर्य, राम तीरथ, अशोक कुमार आदि ने प्रतिभाग किया साथ-साथ स्पेक्स देहरादून के समस्त नागरिको का आभारी हैं, जिन्होंने जल प्रहरी बनकर पेयजल के नमूने लेने में सहयोग किया.
देहरादून वासियो को पानी को लेकर निम्न सावधानियाँ बरतनी चाहिए :-

1. यदि पानी में क्लोरिन आता है तो कम से कम चार घण्टे बाद उक्त पानी को इस्तेमाल करें तथ सुपर क्लोरीननेशन होता है तो 6 से 12 घण्टे तक पानी का उपयोग किसी भी प्रकार से न करें जैसे – नहाना, पीना, कपडे धोना, खाना बनाना, बर्तन साफ़ करना आदि। यदि क्लोरिन युक्त पानी का सेवन करेंगे तो त्वचा रोग, एसिडिटी बाल झडना, बालों का सफ़ेद होना, आँखों की बीमारी, अल्सर आदि रोग होने की संभावना होती है।

2. यदि पानी में फिकल कॉलीफार्म आता है तो इसके कारण दस्त, उल्टी, पीलिया, हैज़ा, हैपेटाइटिस बी. पेट में कीड़े, गैस की बीमारी ,भूख न लगनाआदि रोग होने की संभावना होती है। इसके लिए पानी को कम से कम 12 मिनट तक मंद आंच में उबालकर ठंडा होने के बाद छानकर प्रयोग कर सकते हैं।
3. स्पैक्स द्वारा विभिन्न अस्पतालों के बाल चिकित्सकों से वार्ता करने के दौरान इन बाल चिकित्सकों द्वारा बताया गया की लगभग 71 से 80 प्रतिशत बाल रोगियों में जल जनित रोग पाये जा रहें हैं।

पेयजल को लेकर क्या कहते हैं दूनवासी

राजपुर रोड निवासी देवेंद्र शाह द्वारा बताया गया कि कभी-कभी पानी बहुत ही गंदा आता है। माजरा में गिरीश चंद द्वारा बताया गया कि पानी गंदा आता है। ट्रांसपोर्ट नगर सुभाष नगर निवासी इरफान द्वारा बताया गया कि पानी की जांच पहली बार हो रही है शिकायत करने पर भी कोई कर्मचारी जांच के लिए नहीं आता है। चंद्रबनी अमर भारती निवासी राजेश कोठारी द्वारा बताया गया कि पानी का प्रेशर बहुत कम रहता है, जिसके कारण मोटर लगानी पड़ती है। आराघर चौक प्रभात डेरी के स्वामी द्वारा बताया गया कि पानी गंदा आता है, जिस कारण नल में कपड़ा बांधकर या छलनी से छान कर पानी भरना पड़ता है। राजेश्वर पुरम जोगीवाला निवासी विनोद पंत के द्वारा बताया गया कि पानी काफी दिनों से गंदा आ रहा है, जिसमें कीड़े भी आ रहे हैं।

नालापानी रोड पर लोगों द्वारा बताया गया कि पानी केवल एक ही समय आता है, जिससे कि बड़ी परेशानी होती है। झंडा बाजार निवासी आशीष कुमार ने जानकारी दी कि कभी-कभी पानी बदबूदार आता है। तिलक रोड के आराध्य द्वारा बताया गया कि कभी-कभी पानी में कीड़े आते हैं और बदबू भी आती है।नवीन सैनी कुम्हार मंडी चौक द्वारा जानकारी दी गई कि पानी आता तो है, लेकिन कई बार बदबूदार पानी आता है। डोभालवाला निवासी सुनील सिंह बटोला द्वारा जानकारी दी गई कि बस्ती के कुछ क्षेत्रों में गंदा पानी आ रहा है, जिसमें बदबू भी आ रही है। हाथीबड़कला के जगदीश खरोरा ने बताया कि पानी गंदा आता है पानी में प्रेशर भी नहीं है और समय भी बहुत कम दिया जाता है। ऐश्वर्य शर्मा नैशविला रोड का कहना है कि कभी-कभी पानी गंदा आता है। पानी की गुणवत्ता ठीक नहीं है और सरकारी स्तर पर लगातार पानी की जांच होती रहनी चाहिए, यह बात विष्णु दत्त शर्मा ओमकार रोड निवासी द्वारा कही गई।

बिंदालवाला निवासी वीरेंद्र सेठी जो कि अध्यापक हैं, उनके द्वारा बताया गया कि पानी की गुणवत्ता नियमित नहीं जांची जाती, समय-समय पर इसकी जांच होती रहनी चाहिए। नैशविला रोड के उमेश्वर सिंह रावत द्वारा बताया गया कि पानी की टाइमिंग बढ़ाई जानी चाहिए। जिस दिन पानी विद्युत आपूर्ति के कारण नहीं आ पाता है, उसके अगले दिन पानी का समय बढ़ा देना चाहिए ताकि पानी की पूर्ति सुचारू रूप से हो सके।

कांवली रोड निवासी अनुज पंडित द्वारा बताया गया कि पानी बहुत गंदा आता है और बिना मोटर के तो कभी आता ही नहीं है। शिमला बाईपास के सोनू बताते हैं कि पानी बहुत कम आता है और कभी-कभी तो आता ही नहीं है, पूरे दिन में एक ही समय पानी आता है, जिससे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। मेहुंवाला के राकेश कुमार का कहना है कि बिना मोटर के पानी आता ही नही है, जिस कारण समय का पता ही नहीं चलता है पानी कब आता है और कब बंद हो जाता है। ऋषि विहार के शोभित बताते हैं कि पानी में बदबू आती है और पानी में चिकनाई भी रहती है।

भूडग़ांव पंडितवाड़ी निवासी सुरेंद्र यादव द्वारा बताया गया कि पानी में चूना बहुत ज्यादा आता है रात को पानी भरकर रखते हैं तो सुबह बर्तन में चूना पूरी तरह से जम जाता है। इंदर रोड निवासी उषा देवी द्वारा बताया गया कि पानी बहुत कम आता है और बिना मोटर के नहीं आता है शुरुआत में पानी गंदा आता है। बलबीर रोड पर चाय की दुकान चलाने वाली अमित कुमार द्वारा बताया गया कि कभी-कभी पानी में तेज बदबू आती है। तिब्बती मार्केट में काम करने वाले जगदीश भट्ट बताते हैं कि सभी दुकानदार एक ही नल से पानी भरते हैं, जिसमें कभी-कभी गंदा पानी आता है।

कुल्हान पनास वैली के निवासी राजेंद्र सिंह चौहान द्वारा बताया गया कि पानी कभी-कभी चिकनाई युक्त आता है, जिसमें बदबू भी आती है। चालंग ठाकुरद्वार की जमुना देवी पानी को लेकर बहुत दुखी हैं। वे बताती हैं कि घर के पास ही ट्यूबवेल है, फिर भी पानी बहुत गंदा आता है कई बार तो पानी पंद्रह पंद्रह दिन तक आता ही नहीं है। हमें पानी के लिए जल स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है।

चिडोंवाली कंडोली के एस0पी0 पोखरियाल द्वारा जानकारी दी गई कि पानी केवल एक ही समय पर आता है और पानी की टाइमिंग भी बहुत कम रखी गई है। प्रेशर तो पानी में है ही नहीं, बिना मोटर के पानी भरा ही नहीं जा सकता। लखीबाग के धर्मेंद्र बताते हैं कि पानी अक्सर गंदा आता है, जिसमें बदबू भी आती है। बंजारावाला निवासी फौजदार सिंह रावत बताते हैं कि पानी बहुत कम देर के लिए आता है और मोटर चलाए बिना पानी भरा नहीं जा सकता। नागल हटनाला निवासी कमल सिंह द्वारा बताया गया कि पानी बहुत ही मटमैला और गंदा आ रहा है। न तो उस पानी का उपयोग कपड़े धोने में किया जा सकता है और न ही पीने के लिए। पानी बाहर से ही लाना पड़ रहा है, जिसके कारण बहुत परेशानी हो रही है।

Next Post

Uttarakhand : मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारम्भ। पूरे राज्य में 16929 लाभार्थी होंगे लाभान्वित। जानिए क्या-क्या होंगी शर्तें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाभार्थी माताओं और नवजात शिशुओं को महालक्ष्मी किट वितरित किये। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं/जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। […]
cm mahaluxmi kit

यह भी पढ़े