भारतीय सैन्य अकादमी के नए कमांडेंट बने लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी
देहरादून। चमोली में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी को देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी का नया कमांडेंट बनाया गया है। आज उन्होंने जिम्मेदारी संभाल ली। उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल एसके झा का स्थान लिया।
आपको बता दें कि अभी तक वह स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड के कमांडर थे। इस कमांड को स्ट्रैटजिक न्यूक्लियर कमांड के रूप में भी जाना जाता है। हाल ही में हिल मेल द्वारा कराए गए शिखर पर उत्तराखंडी सर्वेक्षण में पहाड़ की शीर्ष 50 हस्तियों में भी वह शामिल थे।
ऑपरेशन पराक्रम के दौरान उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में अपनी बटालियन को कमांड किया था। ब्रिगेडियर के तौर पर उन्होंने असम या अरुणाचल प्रगेश में असम राइफल्स सेक्टर में आतंकवाद रोधी अभियानों की अगुआई की। इसके बाद उन्होंने करगिल के लद्दाख में बतौर मेजर जनरल अपनी डिवीदन को कमांड किया।
लेफ्टिनेंट जनरल बनाए जाने के बाद उन्होंने अंबाला स्थित स्ट्राइक कोर को कमांड किया। इसके बाद उन्हें स्ट्रैटिजिक फोर्सेस कमांड में डेप्युटी कमांडर इन चीफ नियुक्त किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी का जन्म उत्तराखंड के चमोली जिले के कमाड गांव में दयाल सिंह नेगी और सतेश्वरी नेगी के घर सितंबर 1960 को हुआ। शुरुआती शिक्षा कमांड में ही लेने के बाद उन्होंने मेरठ के सेंट जॉन हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी आगे की शिक्षा ली।
वह जून 1977 को खड़गवासला स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी पहुंचे। जून 1981 को उन्होंने 16 डोगरा रेजिमेंट में कमीशन लिया। 39 साल के शानदार सेवाकाल के दौरान उन्होंने कई अहम जिम्मेदारियां संभाली। लेफ्टिनेंट जनगर नेगी महू स्थित इंफेंट्री स्कूल में इंस्ट्रक्टर भी रहे हैं। वह भूटान में भारतीय सेना की टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति दल में सेवाएं दी हैं।
सेना के शानदार करियर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नेगी को अतिविशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, दो बार विशिष्ट सेवा मेडल, यूए फोर्स कमांडर्स कमेंडेशन (कांगो) से सम्मानित किया जा चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल नेगी के परिवार में पत्नी कुसुम नेगी के अलावा दो बेटे जयंत और अनंत हैं।
जयंत मर्चेंट नेवी में हैं, जबकि अनंत दिल्ली की एक लॉ फर्म में हैं। जनरल नेगी का अपनी जड़ों से लगातार जुड़ाव बना हुआ है। वह नियमित तौर पर अपने गांव जाते रहते हैं।