ऋषिकेश/मुख्यधारा
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में अंतराष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह विधिवत शुरू हो गया। जिसके तहत हेल्थ टॉक के माध्यम से महिलाओं को बच्चे को स्तनपान कराने के नफा-नुकसान व महत्व की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अपने संदेश में निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि स्तनपान न केवल बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य का पोषण करता है, बल्कि संपूर्ण समाज के एक स्वस्थ भविष्य की स्थापना करता है। लिहाजा हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि अपने घर परिवार की नई माताओं को स्तनपान के लाभ के बारे में जागरुक करें व स्तनपान कराने के लिए प्रेरित कर एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार करें।
इस अवसर पर चिकित्सकों की सलाह पर अपने बच्चे को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एम्स ऋषिकेश की ओर से प्रोत्साहन के लिए सम्मानित भी किया गया।
संस्थान में आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सकों ने महिलाओं को स्तनपान को लेकर जागरुक किया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में बच्चों को स्तनपान विषय पर स्त्री रोग विभाग के वार्ड में आयोजित स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम के तहत महिलाओं को बच्चों को स्तनपान कराने का महत्व विस्तारपूर्वक समझाया गया।
कार्यक्रम में स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ आचार्य डॉ. जया चतुर्वेदी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमृता गौरव, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर तथा कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मीनाक्षी खापरे ने प्रतिभागी महिलाओं को बच्चों को स्तनपान कराने के तौर तरीके बताए। बताया गया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में सप्ताह प्रारंभ होने से पूर्व दो दिन तक शिशुओं को स्तनपान कराने वाली
महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों, स्तनपान करने वाले बच्चों की विकास दर व मां का दूध पीने वाले बच्चों के स्वास्थ्य आदि का आंकलन किया गया।
इस अवसर पर चिकित्सकों की सलाह पर अपने बच्चों को नियमिततौर पर स्तनपान कराने वाली प्रतिभागी 20 महिलाओं को एम्स ऋषिकेश की ओर से सम्मानित किया गया।
सीएफएम विभाग की जूनियर रेजिडेंट डा. प्रज्ञा ने बताया कि अंतराष्ट्रीय स्तनपान सप्ताह के तहत आने वाले दिनों में विभागीय सेमीनार, पोस्टर प्रतियोगिता, रोल प्ले आदि कार्यक्रम आयोजित कर अस्पताल व ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को बच्चों को स्तनपान के बाबत महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी।
कार्यक्रम में सीनियर रेजिडेंट डा. अनुषा के. रवि, डा. प्रज्ञा, डा. आकृति जसरोतिया, डा. अनस्वरा मनोहर के अलावा कई अन्य सीनियर, जूनियर रेजिडेंट चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद थे।