पौड़ी/मुख्यधारा
जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग चमधार में भूस्खलन क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होनें सम्बन्धित अधिकारी को सतर्कता बरतते हुए मोटर मार्ग को सुचारू करने के दिये निर्देश ।
उन्होंने कार्य स्थल में सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए लाउडस्पीकर स्थापित कर एक कर्मचारी की तैनाती करने निर्देश भी दिए। उन्होंने सम्बन्धित कार्यदाई संस्था के पदाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मार्ग पर डोर बेरियर लगाये, ताकि भूस्खलन से किसी व्यक्ति को जानमाल का किसी भी प्रकार का खतरा न हो।
उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि भूस्खलन क्षेत्र की वस्तु स्थिति की सूचना फोटोग्राफ सहित प्रतिदिन उपजिलाधिकारी व सूचना अधिकारी को देगे तथा सूचना अधिकारी को प्रतिदिन प्रेस नोट जारी करने के निर्देश दिए। जिससे आवाजाही करने वालों को सही जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि मार्ग अवरुद्ध रहने के दौरान बुधाणी-खिर्सू मोटर मार्ग पर यातायात को डायबर्ट करें।
जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग चमधार का जायजा लेते हुए सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि सावधानी बरतते हुए कार्य करें। कहा कि रात्रि समय भी कार्य करने हेतु लाइट की समुचित व्यवस्था करें। साथ ही उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि पत्थर गिरते समय लाउडस्पीकर के माध्यम से कार्य करने वाले तथा अन्य लोगों को सतर्क करें, जिससे कोई हादसा न हो। कहा कि जब तक मार्ग पूर्ण रूप से व्यवस्थित नही होगे तब तक बुधाणी-खिर्सू वैकल्पिक मोटर मार्ग से लोगों को आवाजाही कराए। जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग चमधार में तेजी से कार्य हो सकेगा। इसके अलावा उन्होंने उपजिलाधिकारी श्रीनगर को निर्देशित किया कि भूस्खलन क्षेत्र में खतरे के जद में आ रही विधुत पोल को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कराए। जिससे विधुत सफ्लाई सुचारू रूप से बनी रहे।
जिलाधिकारी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि श्रीनगर से आगे चमधार के पास मलवा आने से श्रीनगर- बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। एन एच के अधिकारियों द्वारा लगातार सड़क खोलने का प्रयास जारी है। कहा कि बीती शाम को राजमार्ग खोल दिया गया था, लेकिन सुबह मलवा आने से राजमार्ग बाधित हो गया। वर्तमान में भी पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी यात्रियों को हिदायत दी गई है कि यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्ग बुधाणी-खिर्सू का प्रयोग करें। कहा कि प्रभावित क्षेत्र में दीवार, कंक्रीट की दीवार व बोल्डर नेट आदि जो उचित सामाग्री को लगाना सुनिश्चित करें, जिससे पहाड़ी से आने वाले पत्थरों से बचाव हो सकेगा।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर रविन्द्र विष्ट, एनएच इंजीनियर बलराम मिश्रा, सहायक अभियंता मोहमद तेहसिन, डिप्टी प्रोजेक्ट रूपेश मिश्रा सहित अन्य उपस्थित थे।
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