उत्तरकाशी। मोरी ब्लाक के सीमांत गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल पड़ी है। अव्यवस्था का आलम यह है कि समय पर उचित इलाज न मिलने से कई मरीज एवं गर्भवती महिलाएं असमय काल के गाल में समा चुकी हैं।
वहीं सीमांत गांव लिवाड़ी में एलोपैथिक चिकित्सालय में एक वर्ष पूर्व जिस दंत चिकित्सक की तैनाती हुई थी। वे एक बार भी लिवाड़ी नहीं गये और विभागीय मिलीभगत से वेतन पाती रही। जब ग्रामीणों ने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की तो उनको दण्डित करने की वजाय उनका स्थानांतरण कर दिया गया।
भाजपा युवा मोर्चा के जिला महामंत्री जयचंद रावत ने कह कि जिला प्रशासन से भी मामले की शिकायत की तो जाँच करने बात कह कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
वर्तमान समय में जो फार्मेसिस्ट 6 माह पूर्व से यहाँ तैनात है। विभागीय मिलीभगत से उत्तरकाशी मुख्यालय में बैठ कर वेतन पा रहे है, यानि की तैनाती और तनख्वाह दुर्गम क्षेत्र लिवाड़ी में सेवा देने के नाम पर और साहब विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उत्तरकाशी मुख्यालय में आराम फरमा रहे हैं।
यही हाल फिताड़ी आयुर्वेदिक अस्पताल का है तथा गंगाड ऐलोपैथिक अस्पताल का है।
विभागीय अधिकारियों की मनमानी की पोल तब खुली, जब इस मामले में 4 फरवरी को मोरी में आयोजित तहसील दरबार में ग्रामीणों ने जिला अधिकारी को बाताया।
जिलाधिकारी ने जांच करने की बात कही। जिला प्रशासन को अंधेरे में रखकर शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने फार्मेसिस्ट को मुख्यालय में अटैच किया, जबकी अटैचमेंट व्यवस्था खत्म की जा चुकी है।