मुख्यधारा/रामनगर
रामनगर में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत का टिकट काटे जाने के बाद से उनके समर्थक खासे नाराज चल रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों से सवाल पूछते हुए कहा कि उन्होंने जिस बंजर खेत को उपजाऊ बना दिया क्या उसकी फसल किसी और को काटने दें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कहता है कि उन्हें चेहरा बना दिया जाए, उनके नाम पर वोट पड़ेगा, मेरे काम पर वोट पड़ेगा, उसको दूसरी जगह से चुनाव लड़ने में क्या डर है? उन्होंने पार्टी से सवाल करते हुए पूछा कि ऐसे चेहरे का क्या करना, जिनके पास मुख्यमंत्री रहने के बाद भी एक सीट नहीं है, कोई काम नहीं किया है।
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रंजीत रावत ने कहा कि इस तरह के कई सारे सवाल हैं, जिसके जवाब मेरे समर्थकों व कार्यकर्ताओं को ढूंढना है। उन्होंने कहा कि पार्टी के रामनगर सीट को दिए गए इस निर्णय को बदला जाना चाहिए, नहीं तो वह अपने समर्थकों के इन्हें के साथ मजबूत होकर खड़े हैं।
बताते चलें कि बीती रात को कांग्रेस ने 11 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए थे, जिसमें से रामनगर सीट पर स्वयं हरीश रावत को मैदान में उतारा गया है, जबकि इस सीट पर रंजीत रावत तैयारी कर रहे थे और उनका बड़ा जनाधार माना जाता है। तभी से हजारों समर्थक रंजीत रावत से संपर्क कर रहे हैं और रंजीत रावत को हरीश रावत के खिलाफ रामनगर से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि रंजीत रावत ने कहा है कि सामाजिक और राजनीतिक जीवन में लिए जाने वाले फैसले अकेले नहीं लिए जा सकते। इसके लिए समर्थकों की जरूरत होती है। मैं अपने सभी समर्थकों की राय और दिशा निर्देश मिलने के बाद ही चुनाव लड़ने को लेकर अगला कदम उठाऊंगा।