यमकेश्वर/मुख्यधारा
यमकेश्वर विधानसभा सीट को भाजपा का गढ कहा जाता है। पिछले चार बार से यहां भाजपा के विधायक ही चुने जाते रहे हैं, इसके उलट हर चुनाव में यहां कोई न कोई बागी कांग्रेस प्रत्याशी को हराने का काम करता है, लेकिन इस बार यहां से टिकट के प्रबल दावेदार महेंद्र राणा का कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र रावत को समर्थन मिलने से यहां कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत हुई है।
अब चुनाव प्रचार का दौर अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसी कड़ी में यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र रावत एवं ब्लॉक प्रमुख द्वारीखाल ने विभिन्न स्थानों पर बैठकें एवं जनसंपर्क किया। प्रमुख महेंद्र राणा, शैलेन्द्र रावत तथा रमा खालखो विधानसभा प्रभारी ने पौखाल में एक जनसभा को संबोधित किया, जिसमें महिला मंगल दलों ने भी प्रतिभाग किया। इस दौरान सभी ने एकजुट होकर कांग्रेस का समर्थन किया।
वहीं ग्राम पंचायत भैडग़ांव एवं काण्डाखाल तीन पत्ती में भी एक जनसभा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रत्याशी शैलेंद्र रावत एवं प्रमुख द्वारीखाल ने जनता से कांग्रेस का समर्थन की अपील की।
इसके बाद डाडामण्डी बाजार में प्रमुख द्वारीखाल व शैलेन्द्र रावत ने बाजार का भ्रमण कर स्थानीय दुकानदारों एवं जनता से संपर्क किया। अपराहन 4 बजे फतेहपुर में एक बड़ी जनसभा की गई, जिससे प्रमुख द्वारीखाल राणा ने भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जनता का आह्वान किया कि उत्तराखंड गठन के बाद 20 वर्ष से इस विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक रहे हैं, लेकिन विकास नहीं हुआ हो पाया। इस बार लोगों की निगाह कांग्रेस पर टिकी हैं।
बताते चलें कि महेंद्र राणा के आने से कांग्रेस को मजबूती मिली है। वह स्वयं टिकट के प्रबल दावेदार, किंतु कांग्रेस द्वारा टिकट न मिलने के बावजूद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे की बजाय कांग्रेस का समर्थन किया। यह राणा की कांग्रेस के प्रति सच्ची निष्ठा को दर्शाता है।
क्षेत्रवासी बताते हैं कि यमकेश्वर में हमेशा से ही कांग्रेस का बागी प्रत्याशी ही कांग्रेस को हराने का काम करता आया है, किंतु इस बार ठीक इसके उलट है और महेंद्र राणा के समर्थन से कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि शैलेंद्र-महेंद्र की यह जोड़ी इस बार यमकेश्वर में भाजपा का किला ढहाकर कांग्रेस का खाता खोल पाती है या नहीं!