हरिद्वार/मुख्यधारा
उत्तराखंड में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जहां हरिद्वार की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के आरोपी को फांसी की सजा (fansi ki saja)
सुनाई गई है। यही नहीं उस पर 1 लाख 30 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
शासकीय अधिवक्ता आदेश चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला 20 दिसंबर 2020 का है। नगर कोतवाली हरिद्वार निवासी 10 साल की बच्ची राम तीरथ यादव से पतंग लेने के लिए घर से निकली, जिसके बाद वह वापस नहीं लौटी। परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया।
पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस दौरान आसपास की बच्चों से जानकारी में यह बात निकलकर आई कि रामतीर्थ यादव पतंग दिलाने के बहाने बच्ची को अपने साथ ले गया। शिकायत पर पुलिस ने रामतीर्थ और उसके मामा राजीव कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।
पुलिस की सख्ती के आगे रामतीर्थ टूट गया और उसने सब कुछ उगल दिया। उनकी निशानदेही पर बच्ची का शव राजीव कुमार के घर से बरामद किया गया।
पुलिस की जांच में पता चला कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था और उसके बाद उसकी गला घोट कर निर्मम हत्या कर दी गई।
मामले में विशेष पोक्सो जज अंजलि नौलियाल ने दोषी को फांसी की सजा fansi ki saja सुनाई है। इसके अलावा ₹ 1,30,000 का अर्थदंड भी लगाया है, जबकि सह अभियुक्त राजीव कुमार को साक्ष्य छुपाने का दोषी मानते हुए 5 साल की कैद और एक लाख का जुर्माना लगाया गया है।
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